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जनता दरबार में युवक ने कहा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, आपकी वजह से नौकरी नहीं लगी, सीएम रह गए भौंचक

By एस पी सिन्हा | Updated: August 9, 2021 20:34 IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जातीय जनगणना का संबंध राजनीतिक नहीं बल्कि बल्कि सामाजिक है.

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ठळक मुद्दे1931 में अंतिम बार जातीय जनगणना हुई थी.युवक की शिकायत सुनकर नीतीश कुमार ने फौरन अधिकारी को फोन घुमाया.मिडिल स्कूल में फिजिकल टीचर की बहाली का कोई निर्णय हुआ है क्या?

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. भारी संख्या में लोग अपनी फरियाद को लेकर पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री उस समय भौंचके रह गये, जब एक फरियादी ने अपनी नौकरी नहीं लगने के लिए उन्हें ही जिम्मेवार ठहरा दिया.

उसने कहा कि उसकी नौकरी नहीं लगने के जिम्‍मेदार आप हैं. फरियादी ने कहा कि "शिक्षा विभाग के अधिकारी कहते हैं कि इसके जिम्मेदार आप (मुख्यमंत्री) हैं. जब भी पूछते हैं तो कहता है कि कैबिनेट में होगा. और फिर कहता है कि मुख्यमंत्री ही नहीं चाहता है तो हम क्या करें? ऐसी बात प्राथमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बोलते हैं.

फरियादी ने कहा कि शारीरिक शिक्षक और स्‍वास्‍थ्‍य अनुदेशक के पद पर मिडिल स्‍कूलों में बहाली होनी है. लेकिन यह प्रक्रिया आज तक नहीं हुई है. इसके बाद मुख्‍यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया. उन्‍होंने आवेदक से विस्‍तार से जानकारी ली. युवक की शिकायत सुनकर नीतीश कुमार ने फौरन अधिकारी को फोन घुमाया और पूछा कि "मिडिल स्कूल में फिजिकल टीचर की बहाली का कोई निर्णय हुआ है क्या?

फरियादी कह रहा है कि शिक्षा विभाग में जाते हैं तो सब आपके (मुख्यमंत्री के) बारे में बोलता है. जब चाहेगा तब होगा. मेरे सामने कोई प्रपोजल आया है क्या? इस लडके को एक्सप्लेन कर के बताइये. पहले आपको डिसीजन लेना है. तब न मेरे पास लाइयेगा. इसके बाद उन्‍होंने आवेदक को अधिकारी के पास भेज दिया." 

वहीं, छपरा से आए सकलदेव राय जनता दरबार में प्रवेश नहीं मिलने पर सड़क पर लेट गए. उनका कहना था कि सिपाही पद पर उनके बेटे की बहाली कराई जाए. इसके लिए वे यहां पहुंचे हैं. लेकिन रजिस्‍ट्रेशन नहीं कराने की वजह से उन्‍हें प्रवेश नहीं दिया गया. अब वे यहां आत्‍महत्‍या करेंगे.

इसके साथ ही जनता दरबार में पहुंची एक युवती ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह दस लड़कियों के साथ‍ मिलकर दहेज प्रथा और बाल विवाह पर रोक के लिए काम कर रही थी. लेकिन आज तक उनलोगों उसके एवज में भुगतान नहीं किया गया. जहां जाती हैं, वहां कहा जाता है कि उनका भुगतान कर दिया गया. युवती ने बताया कि मनोज पांडेय से जब वे पूछती हैं तो वे गाली देते हैं. इस समस्या को लेकर वे लोग जहां भी जाती है, उनसे कहां जाता है कि वेतन भुगतान कर दिया गया है.

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