बिहार में स्वास्थ्य विभाग के रवैये से कराहते मरीज, गोपालगंज जिले से सामने आई तस्वीर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 11, 2022 05:38 PM2022-06-11T17:38:23+5:302022-06-11T17:38:23+5:30
जब माझा प्रखंड के फुलवरिया गांव निवासी विश्वनाथ राम पेड़ से गिरने के बाद बुरी तरह जख्मी हो गया। जख्मी अवस्था में परिजनों द्वारा ईलाज के लिए उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां उनकी सुध लेने वाला कोई नही मिला।
पटना: बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलने वाली एक और तस्वीर गोपालगंज जिले से सामने आई है, जिसमें एक अदद स्ट्रेचर मुहैया नहीं कराने के चलते परिजन अपने मरीज को गोद मे उठाकर एक किलोमीटर इधर से उधर एक घण्टे तक भटकने को मजबूर हुए। यही नहीं उन्हें बेड भी नही मिल पाया, जिससे की मरीज को भर्ती कर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके। हालांकि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करती रहती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना गोपालगंज सदर अस्पताल की है, जहां की व्यवस्था राम भरोसे है। यह मामला उस वक्त सामने आया, जब माझा प्रखंड के फुलवरिया गांव निवासी विश्वनाथ राम पेड़ से गिरने के बाद बुरी तरह जख्मी हो गया। जख्मी अवस्था में परिजनों द्वारा ईलाज के लिए उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां उनकी सुध लेने वाला कोई नही मिला।
मरीज विश्वनाथ राम के परिजनों ने बताया कि अपने मरीज को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो मुख्य दरवाजे पर ही गाड़ी वाले ने उतार दिया। स्ट्रेचर की मांग की, लेकिन अस्पताल के द्वारा नही मिला। गोद मे लेकर इधर- उधर ईलाज कराने के लिए भटकते रहे। कोई इधर भेजता कोई उधर। जब हाथ दर्द करने लगता तो जमीन और लिटा देते। फिर उठाते फिर घूमने इधर-उधर भटकते रहे। लेकिन किसी ने कोई मदद नही की।
वहीं जब डॉक्टर के पास पहुंचे तो बेड नहीं है कहकर बाहर कर दिया। जिससे इमरजेंसी वार्ड के बाहर ही खुले आसमान में लिटाना पड़ा। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की नजर नहीं पड़ी। अंत में थक हार कर वे अपने मरीज को कहीं और ले जाने को मजबूर हुए। इस संबंध में जब सिविल सर्जन से संपर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन भी उठाना मुनासिब नही समझा।