चारागाह भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता : न्यायालय

By भाषा | Updated: September 9, 2021 22:04 IST2021-09-09T22:04:53+5:302021-09-09T22:04:53+5:30

Pasture land cannot be used for any other purpose: Court | चारागाह भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता : न्यायालय

चारागाह भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता : न्यायालय

नयी दिल्ली, नौ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि है कि चारागाह भूमि का उपयोग केवल उन्हीं उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जिनके लिए अनुमति है। इसके साथ ही न्यायालय ने गुजरात में अधिकारियों को महेसाणा जिले के एक गांव में स्थित गोचर (चारागाह) भूमि को वापस मूल स्थिति में लाने का निर्देश दिया। उस भूमि पर अतिक्रमण है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार गांव की गोचर भूमि 72 व्यक्तियों ने अतिक्रमण किया है और उनमें से केवल तीन ही वैकल्पिक आवास के हकदार हैं।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि गोचर भूमि के उपयोग के संबंध में कहा गया है कि सरकार उक्त परिसर में आंगनवाड़ी स्कूल चला रही है, जबकि एक सहकारी समिति डेयरी चला रही है और वहां एक मंदिर भी है।

पीठ ने छह सितंबर के अपने आदेश में कहा कि यह बार-बार कहा गया है कि गौचर भूमि का उपयोग सिर्फ उन्हीं उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है जिनके लिए अनुमति दी गयी है। यदि कोई उपयोग दी गयी अनुमति के विपरीत है, चाहे वह राज्य द्वारा किया जा रहा हो या या किसी तीसरे पक्ष द्वारा तो वह नहीं चल सकता है।

सर्वोच्च अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के अप्रैल 2019 के आदेश को चुनौती दी गयी थी। गुजरात उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर महेसाणा जिले के एक गांव की गौचर भूमि पर से अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया गया था।

उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय ने तीन माह के भीतर उचित कार्रवाई करते हुए भूमि को मूल उपयोग के अनुरूप बनाने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार से उसके बाद दो सप्ताह के भीतर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

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Web Title: Pasture land cannot be used for any other purpose: Court

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