"पार्टी मुझे 2024 में मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाना चाहती है", संजय राउत ने भाजपा को डाला संकट में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 21, 2023 10:17 AM2023-08-21T10:17:31+5:302023-08-21T10:21:27+5:30
शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कहा कि पार्टी चाहती है कि वो मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ें।
मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कहा कि पार्टी चाहती है कि वो मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ें। उद्धव ठाकरे के बेहद खास माने जाने वाले संजय राउत ने कहा पार्टी की मंशा है कि मैं इस बार के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ुं और भाजपा को सीधे तौर पर चुनौती दूं।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार संजय राउत जिस मुंबई उत्तर-पूर्व सीट से भाजपा को टक्कर देने की बात कर रहे हैं, मौजूद समय में उस संसदीय सीट से भाजपा के मनोज कोटक सांसद हैं।
भाजपा सांसद कोटक ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनसीपी के संजय दीना पाटिल को हराया था और उस वक्त भाजपा और शिवसेना ने संयुक्त रूप से लोकसभा चुनाव लड़ा था। सीटों के बंटवारे में मुंबई उत्तर-पूर्व संसदीय सीट भाजपा के खाते में गई थी।
राउत ने पार्टी में अपनी जिम्मेदारियों और पार्टी के मुखपत्र सामना को लेकर कहा, “पार्टी चाहती है कि मैं चुनाव लड़ूं। मैं भी चुनाव लड़ना चाहता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं इसमें फंस सकता हूं क्योंकि पार्टी में मेरे ऊपर कई जिम्मेदारियां हैं और मुझे 'सामना' पर भी ध्यान देना है, जो हमारी पार्टी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। वैसे अभी राज्यसभा में मेरा कार्यकाल पांच साल के लिए बचा है, जो लोकसभा में जीतने के बाद बर्बाद हो जाएगा। वैसे तो मैं चुनाव लड़ने के लिए बहुत उत्सुक नहीं हूं, लेकिन अगर पार्टी मुझसे कहेगी तो मैं जरूर चुनाव लडूंगा।''
राउत मुंबई उत्तर-पूर्व लोकसभा सीट की इस कारण से बात कर रहे हैं क्योंकि वो वो स्वयं भांडुप के रहने वाले हैं, जो उत्तर-पूर्व लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वहीं संजय राउत के छोटे भाई सुनील राउत भांडुप क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के विधायक हैं।
दरअसल मुंबई उत्तर-पूर्व संसदीय सीट भाजपा और शिवसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस सीट की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि साल 2019 के आम चुनाव में इस सीट को लेकर भाजपा-शिवसेना के बीच गठबंधन टूटने की नौबत आ गई थी।
भाजपा लोकसभा उम्मीदवार ते तौर पर किरीट सोमैया को टिकट देना चाहती थी लेकिन शिवसेना ने इसका बेहद कड़ा विरोध करते हुए गठबंधन तोड़ने की धमकी दे दी थी। जिसने बाद भाजपा ने कथित तौर पर शिवसेना के दबाव में घुटने टेकते हुए सोमैया की जगह मनोज कोटक को मैदान में उतारा था।
वहीं अगर साल 2019 के लोकसभा चुनावों परिणाम पर नजर डालें तो तत्कालीन शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में 18 लोकसभा सीटें अपने नाम की थी। हालांकि पार्टी विखंडन के बाद 18 सासंद में से 13 सांसद वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिदे के पाले में चले गये थे, दिसकी वजह से उद्धव ठाकरे गुट के पास महज पांच सांसद रह गए हैं।