Parliament Special Session: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को संसद के पांच दिवसीय सत्र के पहले दिन व्हीलचेयर पर राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लिया, जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सदस्यों ने महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में सदन में चमकीले गुलाबी रंग के पोस्टर प्रदर्शित किए।
वर्ष 2004 से 2014 के बीच 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे सिंह को सदन की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले सदन में लाया गया। कमजोर से दिख रहे 90 वर्षीय सिंह ठीक एक घंटे तक चुपचाप बैठे रहे और 75 साल की संसदीय यात्रा पर चर्चा के दौरान सदन के नेता एवं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के विचार सुनते रहे।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कांग्रेस सदस्यों ने सिंह के निकट से गुजरते समय हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। सत्र शुरू होते ही बीआरएस के सदस्य महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग करते हुए पोस्टर लेकर खड़े हो गए। बीआरएस नेता के. केशव राव चमकीले गुलाबी रंग का पोस्टर पकड़े हुए अपने स्थान पर खड़े हुए।
इस दौरान उनकी पार्टी के अन्य सदस्य भी इसी तरह के पोस्टर दिखाते हुए खड़े हुए। सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर उन्हें चेतावनी दी कि अगर किसी सदस्य ने पोस्टर दिखाकर नियमों का उल्लंघन किया तो कार्रवाई की जाएगी। इस पर, राव और उनकी पार्टी के सहयोगियों ने तुरंत पोस्टर हटा लिए। धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर बोलने का मौका दिया जाएगा।
इससे पहले, खड़गे ने धनखड़ से आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह और राघव चड्ढा का निलंबन वापस लेने का आग्रह किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि जब सदन में इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही है तो दो सदस्यों का बाहर होना अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि दो सदस्यों को बाहर रखते हुए सत्र शुरू करना उचित नहीं लगता।’’
सभापति ने खड़गे के अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया। चड्ढा ने बाद में ‘एक्स’ पर खरगे का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ ‘इंडिया’ (विपक्षी गठबंधन-इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के सदस्य सभी राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने एकजुट होकर मेरे सहयोगी संजय सिंह और मेरे राज्यसभा से निलंबन को रद्द करने की मांग की है। आपके समर्थन की हम बहुत सराहना करते हैं।’’
आप के दोनों सदस्यों को संसद के पिछले मानसून सत्र के दौरान निलंबित कर दिया गया था। संजय सिंह को पहले राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने सभापति के निर्देशों का बार-बार उल्लंघन किया था।
चड्ढा को अगस्त में संसद के उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था, जब चार सांसदों की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आप सदस्य ने उनकी सहमति के बिना सदन की एक समिति में उनका नाम लिया था। इस शिकायत की जांच विशेषाधिकार समिति द्वारा की जा रही है।