लाइव न्यूज़ :

कृषि क्षेत्र के सुधारों से आएंगे क्रांतिकारी बदलाव, विशेषज्ञ बोले- किसानों की बढ़ेगी आय, आढ़तियों, महाजनों और बाजार कारोबारियों पर अकुंश

By भाषा | Updated: September 23, 2020 20:11 IST

वर्ष 1998 और वर्ष 2008 के बीच कृषि विकास और ग्रामीण रुपांतरण केंद्र (एडीआरटीसी) के प्रमुख रहे देशपांडे ने कहा, ‘‘यह मान लेना पूरी तरह से गलत होगा कि खरीदार केवल कॉर्पोरेट सेक्टर होंगे और कोई अन्य नहीं होगा।’’

Open in App
ठळक मुद्देकर्नाटक सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्रालय दोनों के लिए नीतिगत समर्थन देने वाले अकादमिक रहे हैं।‘‘यह लंबे समय से लंबित सुधार था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही इसे करने की हिम्मत थी।’’ आर्थिक सुधार हुये उनमें कृषि बाजारों को छोड़ दिया गया और ये दलालों और बिचौलियों के चंगुल में ही फंसे रहे।

बेंगलुरुः कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए लाए गए विधेयकों से कृषि उपज के विपणन कारोबार क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आयेंगे और इनका किसानों को फायदा होगा। इससे आढ़तियों, महाजनों और बाजार कारोबारियों की जो धेराबंदी होती है उसे तोड़ने में मदद मिलेगी।

कृषि क्षेत्र के एक विशेषज्ञ का ऐसा मानना है। सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव संस्थान के पूर्व निदेशक, प्रो आर. एस. देशपांडे ने कहा कि किसान अब क्रेता के साथ तय किये गये मूल्य पर, देश के किसी भी बाजार में अपनी ऊपज बेच सकेगा। किसान जिस भाव पर सौदा करेगा उससे निश्चित ही उन्हें फायदा होगा और बाजार मार्जिन का बड़ा हिस्सा उनकी जेब में आ सकेगा जो कि इससे पहले व्यापारियों के पास चला जाता था।

वर्ष 1998 और वर्ष 2008 के बीच कृषि विकास और ग्रामीण रुपांतरण केंद्र (एडीआरटीसी) के प्रमुख रहे देशपांडे ने कहा, ‘‘यह मान लेना पूरी तरह से गलत होगा कि खरीदार केवल कॉर्पोरेट सेक्टर होंगे और कोई अन्य नहीं होगा।’’ एडीआरटीसी में, उन्होंने ‘‘किसान एट द मिलेनियम’ पर एक विस्तृत अध्ययन का संचालन किया और कई शोध कार्य पूरे किए। वह कर्नाटक सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्रालय दोनों के लिए नीतिगत समर्थन देने वाले अकादमिक रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह लंबे समय से लंबित सुधार था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही इसे करने की हिम्मत थी।’’ उन्होंने कहा कि 1960 के दशक के मध्य से कृषि बाजारों की खामियों की समस्याओं पर चर्चा की जाती रही है और यह पाया गया कि सुधारों को अंजाम देने की तत्काल आवश्यकता है। देशभांडे ने कहा कि 1991 के बाद जो आर्थिक सुधार हुये उनमें कृषि बाजारों को छोड़ दिया गया और ये दलालों और बिचौलियों के चंगुल में ही फंसे रहे। देशपांडे ने कहा, ‘‘कृषि उत्पादों के विपणन क्षेत्र में सुधार लंबे समय से लंबित थे।

इन विधेयकों के पारित होने और अमल में आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) से लेकर उपभोक्ता तक उत्पाद के पहुंचने के बीच वास्तव में 50 प्रतिशत से लेकर 3,000 प्रतिशत तक का मार्जिन रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि कोई किसान जब प्याज मंडी में ढाई रुपये किलो के भाव बेचता है तो उपभोक्ता को वह 30 से 50 रुपये किलो के दायरे में उपलब्ध होता है।

उन्होंने कहा, ‘‘साधारण सा गणित है कि 100 लाख टन गेहूं की भारतीय खाद्य निगम द्वारा खरीद किये जाने पर कमीशन एजेंटर को 6480 लाख रुपये का कमीशन बनता है।’’ अब किसानों को केवल मंडी में अपना माल बेचने की मजबूरी नहीं होगी, ऐसे में आढ़तियों और व्यापारियों का शिकंजा कुछ ढीला पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का फायदा मिलने में कुछ समय लगेगा। देशपांडे ने कहा, ‘‘...क्योंकि बिचौलियों, साहूकारों और बाजार परिचालकों का तंत्र इतना मजबूत है और इतने सालों में बना है, इसलिए इसे तोड़ने में थोड़ा वक्त लगेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन एक बार यह टूट गया, तो किसानों की आय बढ़ने लगेगी।’’ 

टॅग्स :संसद मॉनसून सत्रकर्नाटकपंजाबहरियाणाकांग्रेसनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

क्राइम अलर्ट20 साल की नर्सिंग छात्रा की गला रेतकर हत्या, पिता ने कहा-महेंद्रगढ़ के उपेंद्र कुमार ने बेटी का अपहरण कर किया दुष्कर्म और लाडो को मार डाला

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट