संसद मॉनसून सत्र: 'भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन को मोदी सरकार ने लिखी है चिट्ठी'
By भारती द्विवेदी | Published: August 3, 2018 11:32 AM2018-08-03T11:32:54+5:302018-08-03T17:17:15+5:30
Parliament Monsoon Session Day 12 Live Updates, highlights in Hindi: विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्य सभा में नीरव मोदी के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है।
नई दिल्ली, 3 अगस्त: संसद को दोनों सदनों में मॉनसून सत्र चल रहा है। सत्र के 12वें दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह राज्यसभा में असम नागरिकता विवाद पर सरकार का पक्ष रख रहे हैं। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (NRC) पर बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा है कि एनआरसी में भेदभाव का आरोप लगाना उचित नहीं है। गौरतलब है कि पिछले चार दिन से विपक्ष इस मुद्दे को लेकर दोनों ही सदनों में खूब हंगामा कर रहा है। चार दिनों से लगातार सदनों की कार्यवाही बाधित हो रही है।
विदेश मामलों के राज्यमंत्री वीके सिंह ने शुक्रवार को सदन में बताया कि पंजाब नेशनल बैंक में हुए करीब 13 हजार करोड़ के घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन सरकार को एक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया कि यह चिट्ठी लंदन में भारत के एचसीआई के विशेष डिप्लोमेट के जरिए ब्रिटेन की सरकार तक पहुंचा दिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्रालय ने 16 फरवरी, 2018 को पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 10 (3) (सी) के प्रावधान के अंतर्गत नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है. इंटरपोल को भेजने के लिए भी यह जानकारी के सीबीआई को दी जा चुकी है।
Minister of State for External Affairs VK Singh informed the Rajya Sabha that the request to extradite fugitive diamantaire Nirav Modi from the United Kingdom to India had been sent to the High Commission of India in London
— ANI Digital (@ani_digital) August 3, 2018
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NRC पर राज्यसभा में क्या बोले राजनाथ सिंह?
- एनआरसी की प्रक्रिया में कोई भेदभाव नहीं हुआ है। ये प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है।
- ये काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुआ है। सबको फिर से अपील का हक है।
- ये जानकारी लेना जरूरी है कि देश में कितने विदेशी हैं और कितने देशी।
- असम नागरिकता मुद्दे पर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
- 30 जुलाई को जो दूसरा ड्राफ्ट आया है , वो फाइनल नहीं है।
सरकार का पक्ष रखते हुए राजनाथ सिंह ने कहा है- 'मैं ये बात फिर से कह रहा हूं कि किसी भी स्थिति में किसी के खिलाफ कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं की जाएगी। भय का माहौल बनाने के प्रयास निंदाजनक हैं।'
I am saying this again, that no coercive action will be taken against anyone in any situation. Attempts to create an atmosphere of fear are condemnable:HM Rajnath Singh in Rajya Sabha pic.twitter.com/hVEUwBL8U9
— ANI (@ANI) August 3, 2018
उन्होंने आगे कहा- 'एनआरसी की पूरी प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में शुरू की गई थी। मैं दोहराना चाहता हूं कि यह एक मसौदा अंतिम नहीं है। हर किसी को अपील करने का मौका मिलेगा। यह एक पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया है।'
Whole procedure of #NRCAssam was undertaken under supervision of Supreme Court. I would like to repeat that its a draft and not final, everyone will get chance to appeal. Its a totally fair process. Unwarranted accusations are unfortunate: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha
— ANI (@ANI) August 3, 2018
एनआरसी की बाते करते हुए गृहमंत्री ने कहा- 'साल 1985 में असम समझौते के माध्यम से एनआरसी की प्रक्रिया शुरू हुई थी। उस समय राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे। फिर इस प्रक्रिया को साल 2005 में डॉ. मनमोहन सिंह जी द्वारा आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।'
Procedure of #NRC started in 1985 through the Assam accord when the late Rajiv Gandhi ji was the PM. The decision to update was taken by Dr.Manmohan Singh ji in 2005: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha #NRCAssampic.twitter.com/EJRg367Ey4
— ANI (@ANI) August 3, 2018
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