दिल्ली की हिंसा को लेकर लोकसभा में दूसरे दिन भी हुआ हंगामा, हाथापाई होते-होते बची
By शीलेष शर्मा | Updated: March 3, 2020 19:04 IST2020-03-03T19:04:43+5:302020-03-03T19:04:43+5:30
लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने उनको चेतावनी दी लेकिन उनकी चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ. खींच से भरे विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी को तेज किया तथा कागज फाड़कर टेबिल पर फैंकने लगे.

दिल्ली की हिंसा पर चर्चा की मांग के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह की इस्तीफे की भी आवाज़ उठा रहा था
लोकसभा में दिल्ली की हिंसा को लेकर आज दूसरे दिन भी हंगामे के साथ-साथ आपसी भिड़त की नौबत आ गई. यह हालात उस समय पैदा हुए जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला विपक्ष की मांग को नजरंदाज कर सदन चलाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने पहले सदन के पटल पर दस्तावेजों को रखवाया जिस पर विपक्ष खामोश रहा, लेकिन उसके बाद जैसे ही विपक्ष ने अपनी आवाज़ उठाई लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को विधेयक पेश करने के लिए कह दिया.
समूचा विपक्ष पहले अपने स्थान से नारेबाजी कर रहा था और सदन में दिल्ली की हिंसा पर चर्चा की मांग के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह की इस्तीफे की भी आवाज़ उठा रहा था. जब अध्यक्ष ने उनको नजंरदाज किया तो वे सभी दलों के सांसद आसान के निकट आ गए और नारे लगाने लगे.
इस पर अध्यक्ष बिड़ला ने उनको चेतावनी दी लेकिन उनकी चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ. खींच से भरे विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी को तेज किया तथा कागज फाड़कर टेबिल पर फैंकने लगे. अध्यक्ष ओम बिड़ला पर इसका भी कोई असर नहीं हुआ और वे लगातार सदन की कार्यवाही को हंगामे के बीच ही चलाते रहे. इस हंगामे को देख भाजपा के बलिया से सांसद वीरेंद्र सिंह तमतमाते हुए उठे और उन्होंने विपक्ष के सांसदों की ओर आगे बढ़े इससे माहौल ओर गर्म हो गया.
अध्यक्ष ने उन्हें वही टोका और सीट पर जाने को कहा. लेकिन अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर भाजपा सांसद विपक्ष को चुनौती देते रहे नतीजा माहौल ठंडा होने की जगह ओर गरमाता गया. हालात में कोई बदलाव ना देखकर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी सत्तापक्ष की ओर बढ़ते हुए अध्यक्ष के निकट पहुंच गए और उन्होंने पहले नारेबाजी की इसी बीच भाजपा सांसदों ने अधीर रंजन चौधरी को जबरन दूसरी तरफ जाने के लिए मोड़ा, जिससे अधीर रंजन तमतमा गए.
उनके साथ भाजपा सांसदों की हुई तू-तू, मैं-मैं ने माहौल को इतना बिगाड़ दिया कि विपक्ष के सदस्य अध्यक्ष के टेबिल पर जाकर उसे पीटने भी लगे. जब अध्यक्ष को लगा कि उन्होंने यदि सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं की तो हालात ओर बिगड़ जाएगें. हड़बहाट में सदन की कार्यवाही को अध्यक्ष ने पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया .