Palghar Mob Lynching: CID को सौंपी गई पालघर मॉब लिंचिंग की जांच, सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं
By सुमित राय | Published: April 20, 2020 04:03 PM2020-04-20T16:03:23+5:302020-04-20T16:04:53+5:30
Palghar Mob Lynching: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पालघर की पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मामले की जांच के लिए ADG CID क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया गया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि पालघर की पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मामले की जांच के लिए ADG CID क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया गया है।
Palghar Mob Lynching: CID को सौंपी गई पालघरमॉब लिंचिंग की जांच, सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं
पालघर मॉब लिंचिंग मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया है कि इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के लिए एडीजी सीआइडी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस पूरी घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालघर घटना पर कहा, "हमने 2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है और मामले की जांच के लिए ADG CID क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया है। इस मामले में 100 से अधिक व्यक्तियों और 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मैंने आज सुबह अमित शाह जी से बात की है।"
हमने 2पुलिसकर्मियों को सस्पेंड और मामले की जांच के लिए ADG CID क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया है। 100से अधिक व्यक्तियों और 5मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है।मैंने आज सुबह अमित शाह जी से बात की है: पालघर घटना पर महाराष्ट्र CM https://t.co/uGBpPG0YgI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2020
क्या है पालघर का पूरा मामला
महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गांव में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी। भीड़ के हत्थे चढ़े साधु मुंबई के जोगेश्सवरी पूर्व स्थित हनुमान मंदिर के हैं। बताया जा रहा है कि ये साधु मुंबई से सूरत अपने गुरू के अंतिम संस्कार में जा रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते पुलिस ने इन्हें हाइवे पर जाने से रोक दिया। इसके बाद साधु अपनी इको कार के साथ ग्रामीण इलाके की तरफ मुड़ गए, जहां मॉब लिंचिंग के शिकार हो गए।