PAK आतंकी ग्रुप इस तरह से लगातार कश्मीर को बना रहे हैं निशाना, नए डेटा से हुआ खुलासा
By रुस्तम राणा | Published: December 24, 2021 07:10 PM2021-12-24T19:10:08+5:302021-12-24T19:14:27+5:30
नए डेटा के अनुसार, मारे गए आतंकियों में से आठ जम्मू क्षेत्र में मारे गए हैं और 16 कश्मीर क्षेत्र में मारे गए हैं। ये आतंकी श्रीनगर, पुंछ, पुलवामा, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला में सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए हैं और इनमें से ज्यादातर या तो लश्कर-ए-तैयबा के हैं या जैश-ए-मोहम्मद के हैं।
जम्मू-कश्मीर में लगातार 8 महीनों से आतंकवादियों की सक्रियता देखने को मिल रही है। इस अवधि में अब तक सुरक्षाबलों के द्वारा 24 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। मारे गए सभी आतंकी पाकिस्तान के हैं। इससे एक बात तो स्पष्ट रूप से साफ हो जाती है, लगातार पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी ग्रुप कश्मीर को निशाना बना रहे हैं।
नए डेटा के अनुसार, मारे गए आतंकियों में से 8 जम्मू क्षेत्र में मारे गए हैं और 16 कश्मीर क्षेत्र में मारे गए हैं। ये आतंकी श्रीनगर, पुंछ, पुलवामा, राजौरी, अनंतनाग, बारामूला में सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारे गए हैं और इनमें से ज्यादातर या तो लश्कर-ए-तैयबा के हैं या जैश-ए-मोहम्मद के हैं, जबकि कुछ अज्ञात हैं।
डेटा के अनुसार, मारे गए इन आतंकवादियों के विवरण मुख्य रूप से तीन बातें साबित करता है, पहला ये कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान कई मर्तबा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ये दावा कर चुके हैं कि पाकिस्तान किसी भी तरह के आतंकवादी संगठन का समर्थन नहीं करता है बावजूद इसके आतंकवाद को पाकिस्तान का समर्थन जारी है।
दूसरा ये कि कश्मीर और जम्मू दोनों में नियंत्रण रेखा के पार घुसपैठ जारी है। वहीं तीसरा, लश्कर और जैश के द्वारा मुख्य रूप से आतंकियों को ऑपरेट किया जा रहा है। पाकिस्तान के इन आतंकी ग्रुप्स ने स्वदेशी कश्मीरी ग्रुप्स के रूप में खुद को कवर करते हुए कश्मीर को निशाना बनाना जारी रखा है।
बीते 19 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस, 24 राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में सैफुल्ला उर्फ अबू खालिद उर्फ शवाज नाम का एक आतंकवादी मारा गया जो पाकिस्तान के कराची का रहने वाला था और 2016 से घाटी में सक्रिय था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सैफुल्ला का घाटी में आम नागरिकों की हत्या सहित आतंकी मामलों में शामिल था। कश्मीर के आईजीपी ने बताया कि 2016 में घुसपैठ के बाद वह हरवन के सामान्य इलाके में सक्रिय था। मई और दिसंबर के बीच मारे गए आतंकवादियों के ऐसे विवरण से पता चलता है कि इन सभी की पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों से निष्ठा है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र में राज्यसभा को बताया था कि अगस्त 2019 से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आतंकी घटनाओं की संख्या 2018 में 417 से घटकर 2021 (30 नवंबर तक) 203 हो गई है। घुसपैठ 2018 में 143 से घटकर 2021 (31 अक्टूबर तक) में 28 हो गई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, "सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ सक्रिय अभियानों के साथ-साथ मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड की स्थापना की है। इसलिए, अगस्त 2019 से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है।"
जम्मू-कश्मीर में 2018 में 417 आतंकवादी घटनाएं, 2019 में 255, 2020 में 244 और 2021 में 30 नवंबर तक 203 आतंकवादी घटनाएं हुई थीं।