इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 17 अगस्तः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी शोक की लहर है। अटल जी को दोनों देशों में शांति की स्थापना के प्रयासों के लिए जाना जाता है। पाकिस्तान ने अटल बिहारी वाजपेयी को ‘स्टेट्समैन’ बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया है। शोक जाहिर करने वालों में पाकिस्तान सरकार से लेकर विपक्षी नेता और नामचीन पत्रकार भी शामिल हैं। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “वाजपेयी एक प्रख्यात राजनेता थे, जिन्होंने भारत-पाक संबंधों में परिवर्तन लाने की दिशा में काम किया। वह विकास के लिए दक्षेस और क्षेत्रीय सहयोग के प्रमुख समर्थक थे।”
पाकिस्तान के भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान शांति की दिशा में उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाएगा। खान ने एक बयान में कहा कि वाजपेयी उप महाद्वीप के प्रमुख राजनीतिक शख्सियत थे और उनके निधन से एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।
पत्रकारिता से राजनीति में शामिल हुए मोहम्मद हुसैन सय्यद ने इसे अपूरणीय क्षति करार दिया है। उन्होंने कहा, 'वो शांति के ऐसे दूत थे जो दोनों देशों के बीच पुल का काम करते थे। उनकी 1999 की लाहौर यात्रा के समय मुझे उनका स्वागत करने का सौभाग्य मिला था।'
पाकिस्तान में बीबीसी के पत्रकार शफी नकी जमी ने वाजपेयी की शांति के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, 'वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने और आर्थिक सुधारों के साथ पड़ोसी देशों से रिश्ते सुधारने की कोशिश में लगे रहे।'
लेखिक और पत्रकार मेहर तरार ने अटल जी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'भारत के प्रधानमंत्री जो दोस्ती के संदेश के साथ सदा-ए-सरहद बस से लाहौर आए, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के खूनी इतिहास को मिटाने की कोशिश की और दोस्ती का हाथ बढ़ाया।'
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार शाम एम्स में अपनी आखिरी सांस ली। इस बात की जानकारी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर दी। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।