पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया, भारत ने कहा - मुलाकात सार्थक नहीं

By भाषा | Published: July 17, 2020 01:47 AM2020-07-17T01:47:25+5:302020-07-17T06:05:05+5:30

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था। हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे। 

Pakistan provided diplomatic contact to Kulbhushan Jadhav, India said - meeting not meaningful | पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया, भारत ने कहा - मुलाकात सार्थक नहीं

कुलभूषण जाधव को जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।

Highlightsपाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को बृहस्पतिवार को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया।भारत सरकार ने कहा है कि यह ‘‘न तो सार्थक था और ना ही विश्वसनीय’’ था तथा जाधव तनाव में नजर आए। जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को बृहस्पतिवार को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया। लेकिन भारत सरकार ने कहा है कि यह ‘‘न तो सार्थक था और ना ही विश्वसनीय’’ था तथा जाधव तनाव में नजर आए। जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।

इसके बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किये जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया। आईसीजे ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए।

पाक विदेश कार्यालय ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों का जाधव से बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क मुहैया कराया गया। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत को भरोसा दिलाया था कि राजनयिक संपर्क बेरोक-टोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त के होगा, लेकिन मुलकात के लिये किये गये इंतजाम इस्लामाबाद द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुरूप नहीं थे।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘मुलाकात के लिये ना तो माहौल और ना ही इंतजाम, पाकिस्तान द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुरूप थे।’’ भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘राजनयिक अधिकारियों को जाधव से बेरोक-टोक, निर्बाध और बिना शर्त संपर्क नहीं करने दिया गया।

भयादोहन करने की भाव-भंगिमा के साथ पाकिसतानी अधिकारी एवं अन्य अधिकारी जाधव के आसपास मौजूद थे, जबकि भारत की ओर से इसका विरोध किया गया। ’’ मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘जाधव तनाव में नजर आ रहे थे और यह राजनयिक अधिकारियों को साफ-साफ दिखाई दिया। वहां किये गये इंतजाम उनके बीच स्वतंत्र बातचीत की अनुमति नहीं दे रहे थे। ’’ बयान में कहा गया है कि भारतीय अधिकारी जाधव से उनके कानूनी अधिकारों के बारे में बात नहीं कर सके और उन्हें भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी (जाधव) को उनके कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने के लिये उनकी लिखित सहमति लेने से रोक दिया गया।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों के आलोक में भारतीय वाणिज्य दूतावास अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराया गया राजनयिक संपर्क न तो सार्थक था, ना ही विश्वसनीय था। वे विरोध दर्ज कराने के बाद वहां से रवाना हो गये।’’

जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराने का कदम पाकिस्तान ने यहां एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दोषी करार दिये जाने के खिलाफ एक अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर किये जाने की समय सीमा समाप्त होने से महज कुछ दिन पहले उठाया है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जाधव को मुहैया कराया गया यह दूसरा राजनयिक संपर्क है। पहला राजनयिक संपर्क दो सितंबर 2019 को मुहैया कराया गया था।

पाक विदेश कार्यालय के बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान आईसीजे के 17 जुलाई 2019 के फैसले का पूरी तरह से क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसे उम्मीद है कि भारत इस फैसले को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने में पाकिस्तानी अदालत का सहयोग करेगा। ’’ पिछले हफ्ते पाकिस्तान के अतिरिक्त महान्यायवादी अहमद इरफान ने कहा था कि 17 जून 2020 को जाधव को अपनी सजा एवं दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की पेशकश की गई थी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को एक अध्यादेश जारी किया , ताकि भारत सरकार, जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि 60 दिनों के अंदर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें। हालांकि, नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने इरफान के दावे को पिछले चार साल से खेला जा रहा खेल करार देते हुए खारिज कर दिया। मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि जाधव को एक हास्यास्पद मुकदमे के जरिये सजा सुनाई गई, ताकि वह अपने मामले में पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करने को मजबूर हो जाएं।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था। हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे। 

Web Title: Pakistan provided diplomatic contact to Kulbhushan Jadhav, India said - meeting not meaningful

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