पी चिदंबरम ने केंद्र पर लगाया हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति संभालने में नाकाम रहने का आरोप, जानें और क्या कहा

By मनाली रस्तोगी | Published: August 2, 2023 12:47 PM2023-08-02T12:47:16+5:302023-08-02T12:49:45+5:30

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति संभालने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि मोदी सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी का इंजन बंद कर दिया है तथा इसकी चाबी फेंक दी है।

P Chidambaram accused the Center of failing to handle the situation in violence-hit Manipur | पी चिदंबरम ने केंद्र पर लगाया हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति संभालने में नाकाम रहने का आरोप, जानें और क्या कहा

(फाइल फोटो)

Highlightsचिदंबरम ने केंद्र सरकार पर हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति संभालने में नाकाम रहने का आरोप लगायाउन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी का इंजन बंद कर दिया है तथा इसकी चाबी फेंक दी हैउनकी यह टिप्पणी तब आयी है जब एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में कानून और व्यवस्था तथा संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ढह गया है

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थिति संभालने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि मोदी सरकार ने "संवैधानिक जिम्मेदारी का इंजन बंद कर दिया है और इसकी चाबी फेंक दी है।" उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में कानून और व्यवस्था तथा संवैधानिक तंत्र पूरी तरह ढह गया है। 

चिदंबरम ने ट्वीट किया, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा मणिपुर सरकार पर लगाए गए आरोपों को दिल्ली में पीएमओ और इंफाल में सीएमओ तक पहुंचने में कितना समय और लगेगा? यदि मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री बीरेन सिंह को संवैधानिक नैतिकता की थोड़ी भी समझ है, तो उन्हें तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। केवल राजधर्म का पालन करने वाले ही राजधर्म का प्रचार कर सकते हैं।"

पूर्व गृह मंत्री ने आगे लिखा, "केंद्र सरकार उस पुलिस जीप के ड्राइवर की तरह है जिसने छेड़छाड़ की शिकार महिलाओं से कहा "कोई चाबी नहीं है"। केंद्र सरकार ने संवैधानिक जिम्मेदारी (अनुच्छेद 355 और 356) का इंजन बंद कर चाबी फेंक दी है।" 

बता दें कि मणिपुर की स्थिति से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार जातीय हिंसा की घटनाओं खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधों की 'धीमी' और 'बहुत ही लचर' जांच के लिए राज्य पुलिस की खिंचाई की और सात अगस्त को उसके सवालों का जवाब देने के लिए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तलब किया। 

अदालत बे अनियंत्रित जातीय हिंसा को लेकर कानून लागू करने वाले तंत्र की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य पुलिस ने कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण खो दिया है। अदालत ने राज्य सरकार से हत्या, बलात्कार, आगजनी, लूट, घर और संपत्ति, पूजा स्थलों को नुकसान और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले मामलों के बारे में सारणीबद्ध प्रारूप में जानकारी मांगी।

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: P Chidambaram accused the Center of failing to handle the situation in violence-hit Manipur

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