ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-यह गिद्ध बनने का समय नहीं है, क्या कोई मानवीय भावना है...

By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 27, 2021 16:57 IST2021-04-27T16:56:00+5:302021-04-27T16:57:15+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कोविड-19 रोगियों के लिए प्राणवायु ले जा रहे टैंकरों के आवागमन को बाधित मानव जीवन को खतरे में डालने के समान है।

oxygen cylinder refillers medicines Delhi High Court issues this is not the time to become a vulture, is there any human emotion | ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा-यह गिद्ध बनने का समय नहीं है, क्या कोई मानवीय भावना है...

‘‘हम चाहते हैं कि हम प्रत्येक जीवन को बचा सकें। हम चाहते हैं कि हम और अधिक कर सकें।’’

Highlights दूसरे राज्यों में चिकित्सीय ऑक्सीजन ले जा रहे क्रायोजेनिक टैंकरों को नहीं रोकने के आदेश का सम्मान करेगी। संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन आपूर्ति में किसी भी तरह की बाधा सैकड़ों लोगों का जीवन खतरे में डालने के समान होगी। पीठ ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों को रोकने से खतरनाक स्थिति पैदा होगी।

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी पर कहा कि दिल्ली सरकार की व्यवस्था विफल हो गई है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि , क्योंकि ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी जारी है। यह गिद्ध बनने का समय नहीं है, क्या यह कोई अच्छी मानवीय भावना है। यह गड़बडी है जिसका समाधान करने में आप विफल रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास शक्ति है, ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह केंद्र सरकार के उस दावे से सहमत नहीं है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, '' आज ऑक्सीजन की किल्लत है। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि कोई कमी नहीं है लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि हमने खुद देखा है कि ऑक्सीजन की किल्लत है।'' केंद्र का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उनका यह कहना है कि अगर उचित तरह से वितरण किया जाए तो पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध है और मुद्दा परिवहन का है ना कि आपूर्ति का।

उन्होंने कहा, '' मैंने यह नहीं कहा कि दिल्ली के पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। मैं कह रहा हूं कि यदि उचित तरह से वितरण किया जाए तो अभी हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है।'' सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता वकील राकेश मल्होत्रा ने दलील दी कि आरटी-पीसीआर किट की भी किल्लत थी।

इस पर संज्ञान लेते हुए पीठ ने कहा कि उसने पहले ही केंद्र को सीमा शुल्क विभाग के पास फंसी आयातित किट को निकालने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इस पर, केंद्र के वकील ने अदालत को सूचित किया कि इस संबंध में सरकार ने विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

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