संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्ष खोलेगा ‘हल्ला बोल’ मोर्चा

By शीलेष शर्मा | Published: November 5, 2019 05:54 AM2019-11-05T05:54:58+5:302019-11-05T05:54:58+5:30

हाल के हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में जनता ने जो जनादेश दिया उसमें इस बात के संकेत दे दिये है कि वह घर से बाहर निकलना चाहती है.

Opposition to open 'Halla Bol' front against government policies in winter session of Parliament | संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्ष खोलेगा ‘हल्ला बोल’ मोर्चा

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की नीतियों के खिलाफ विपक्ष खोलेगा ‘हल्ला बोल’ मोर्चा

Highlightsविश्व में जितने औसत बेरोजगारी है उससे दुगुनी बेरोजगारी भारत में दिख रही है.निजी निवेश नीचे जा रहा है, एनपीए आठ लाख करोड़ तक पहुंच गया है, बैंक घोटालों की संख्या बढ़कर 25 हजार हो चुकी है

देश में बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था और किसानों की दुर्दशा को लेकर विपक्ष एक सामूहिक रणनीति के तहत संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के अंदर और बाहर मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगा.

यह फैसला आज 13 राजनीतिक दलों ने अपनी साझा बैठक में लिया. इन दलों की दलील थी कि समय के अभाव में अन्य दलों के साथ समन्वय ना बैठा पाने के कारण कुछ दल बैठक में नहीं पहुंच सके नतीजा सरकार के खिलाफ छेड़े जाने वाले ‘हल्ला बोल’ की अंतिम रणनीति शीतकालीन सत्र के दौरान तय होगी.

बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने साफ किया कि सभी दलों की राय थी कि जब तक एक साझा रणनीति के तहत सरकार के  खिलाफ हल्ला नहीं बोला जाता तब तक सरकार के कान में जू नहीं रेगेंगी. उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी, बद से बदत्तर होती अर्थव्यवस्था, मुक्त व्यापार समझौता जैसे मुद्दों को रेखांकित करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद से देश सबसे खराब दौर में गुजर रहा है. 

निजी निवेश नीचे जा रहा है, एनपीए आठ लाख करोड़ तक पहुंच गया है, बैंक घोटालों की संख्या बढ़कर 25 हजार हो चुकी है लेकिन मोदी सरकार राजस्व को निगलने के बाद अब आरबीआई के खजाने में डाका डालने में जुटी है.
विश्व में जितने औसत बेरोजगारी है उससे दुगुनी बेरोजगारी भारत में दिख रही है. सरकारी आंकड़े हकीकत से दूर है.
शरद यादव का कहना था कि देश के हालात इतने बिगड़ चुके है कि अब लोगों को गोलबंद होना पड़ेगा. 

हाल के हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में जनता ने जो जनादेश दिया उसमें इस बात के संकेत दे दिये है कि वह घर से बाहर निकलना चाहती है. अब नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता की भावना को समझे और देश भर में आंदोलन खड़ा करें.

बैठक में 13 दलों के जो नेता मौजूद थे उनमें गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला (कांग्रेस), डी.कुपेंद्र रेड्डी (जेडीएस), शरद यादव (एलजेडी), टीआर बालू (डीएमके), मनोज झा (आरजेडी), नदिमुल्ल हक (टीएमसी), अजित सिंह (आरएलडी), टी.के. रंगाराजन (सीपीआईएम), डी. राजा (सीपीआई), उपेंद्र कुशवाहा (आरएलएसपी), पी.के. कुनहलकुट्टी (आईयूएमएन), के मनी (केसीएग), और शत्रुजीत सिंह (आरएसपी) के नाम शामिल है. 

Web Title: Opposition to open 'Halla Bol' front against government policies in winter session of Parliament

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