नागरिकता संशोधन बिल: राज्यसभा में बिल को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों ने बनाया दोतरफा रणनीति

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 10, 2019 08:02 IST2019-12-10T07:53:21+5:302019-12-10T08:02:25+5:30

कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), और वामपंथी दलों ने अपने व्यक्तिगत इरादों के मसौदे इस मामले में तैयार किए हैं। आपको बता दें कि चार विपक्षी दलों द्वारा सदन में बिल के विपक्ष में दिए गए संभावित तर्क इस बात का विरोध करेंगे कि बिल भारत की नागरिकता कानूनों की मूल भावना के खिलाफ है। ऐसे में विपक्ष यह चाहेगी कि सरकार इस बिल को समीक्षा के लिए चुनिंदा पैनल में भेजे।

Opposition readies 2-way strategy to counter CAB in Rajya Sabha | नागरिकता संशोधन बिल: राज्यसभा में बिल को रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों ने बनाया दोतरफा रणनीति

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को रोकने के लिए विपक्ष ने 2 तरह की रणनीति बनाई है। 

Highlightsबहुमत से कम संख्या होने पर विपक्षी दल इस बिल को प्रवर समिति के पास समीक्षा के लिए भेजने का दबाव बनाएगा।राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को रोकने के लिए विपक्ष ने 2 तरह की रणनीति बनाई है। 

लोकसभा में पास होने वाले नागरिक संशोधन विधेयक को राज्यसभा में रोकने के लिए विपक्षी पार्टियों ने तैयारी पूरी कर ली है।  राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को रोकने के लिए विपक्ष ने दो तरह की रणनीति बनाई है। 

इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार, विपक्षी पार्टियों की यह रणनीति विधेयक को पारित होने से रोकने की कोशिश करेगा। लेकिन, बहुमत से कम संख्या होने पर विपक्षी दल इस बिल को प्रवर समिति के पास समीक्षा के लिए भेजने का दबाव बनाएगा।

कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), और वामपंथी दलों ने अपने व्यक्तिगत इरादों के मसौदे इस मामले में तैयार किए हैं। आपको बता दें कि चार विपक्षी दलों द्वारा सदन में बिल के विपक्ष में दिए गए संभावित तर्क इस बात का विरोध करेंगे कि बिल भारत की नागरिकता कानूनों की मूल भावना के खिलाफ है। ऐसे में विपक्ष यह चाहेगी कि सरकार इस बिल को समीक्षा के लिए चुनिंदा पैनल में भेजे। संसद में इस तरह के विषयों पर समीक्षा करने के लिए एक सेलेक्ट कमेटी पैनल होती है। इसके सदस्य सदन के ही सदस्य होते हैं, जहां किसी भी बिल की समीक्षा होती है।

वहीं, बीजू जनता दल (BJD) ने लोकसभा में बिल का समर्थन किया, बहुजन समाज पार्टी (BSP) और शिवसेना ने लोकसभा में बिल पेश करने का विरोध किया। इसके अलावा, विपक्षी दलों के साथ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भी इस बिल का विरोध किया है।

हालांकि, गृह विभाग से संबंधित स्थायी समितियां भी हैं, जहां बिल को समीक्षा के लिए भेजा जा सकता है। लेकिन, यह संभावना कम है कि सरकार इसे गृह मामलों की स्थायी समिति को भेजने के लिए सहमत होगी। एक कांग्रेस सांसद ने कहा कि सरकार ऐसा इसलिए नहीं करेगी क्योंकि समिति का नेतृत्व कांग्रेस नेता आनंद शर्मा कर रहे हैं।

बता दें कि इससे पहले संसद के इस सत्र में, सरोगेसी बिल पर विपक्षी दलों की आपत्ती के बाद बिल को प्रवर समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा गया था।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता एलाराम करीम ने कहा, "हमने बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने के लिए अपना प्रस्ताव तैयार कर लिया है। विधेयक को जल्दबाजी में पारित नहीं किया जाना चाहिए।" 

कांग्रेस और वामपंथी दलों को इस आधार पर कड़ी आपत्ति है कि विधेयक संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, डीएमके श्रीलंका से तमिल शरणार्थियों के मुद्दे पर सरकार की चुप्पी पर राज्यसभा में बिल का विरोध करेगी। सोमवार को डीएमके नेता दयानिधि मारन ने कहा, “अमित शाह उत्तर भारत के गृह मंत्री हैं। वह देश के लिए गृह मंत्री नहीं हैं क्योंकि वह तमिलनाडु के बारे में परेशान नहीं हैं। लगभग 30 वर्षों से शरणार्थी शिविरों में हजारों श्रीलंकाई तमिल रह रहे हैं। लेकिन उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। सरकार उनके लिए क्या करने जा रही है? ”

राज्यसभा में कांग्रेस के रणनीतिकार, जयराम रमेश ने बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग को सही ठहराया है। उन्होंने कहा,  "बिल संविधान के मूल ढांचे को बदल रहा है।"  

English summary :
Opposition readies 2-way strategy to counter CAB in Rajya Sabha


Web Title: Opposition readies 2-way strategy to counter CAB in Rajya Sabha

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