नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की कार्यवाही और उसमें शहीद हुए भारतीय सैनिकों को लेकर समूचा विपक्ष एक स्वर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है, विपक्ष की मांग है कि मोदी पारदर्शिता के साथ देश को बताएं कि सीमा पर क्या हालात है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीडिओ संदेश के जरिए प्रधानमंत्री मोदी से पूछा, "प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं, वह क्यों छुप रहे हैं, बहुत हो गया, हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ। चीन ने कैसे हिम्मत की कि हमारे जवानों को मौत की नींद सुला दिया उनकी हिम्मत कैसे हुई कि हमारी जमीन कब्जा ली।"
राहुल के मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाने के साथ ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार से सवाल करो तो उसे राष्ट्र विरोधी घोषित कर दिया जाता है। प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि क्या हालात है।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने शहीद हुए सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सीमा पर क्या हालात हैं किसी को पता ही नहीं और सरकार भी नहीं बता रही, उनका सीधा इशारा था कि मोदी खामोशी तोड़ें।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने सरकार से पूछा कि जब तकरार को कम करने की कोशिशें हो रहीं थीं, तब हमारे सैनिक कैसे शहीद हुए। देश हित में यही बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूरी ईमानदारी के साथ वास्तविकता देश से साझा करें। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी पोलित ब्यूरो ने औपचारिक वयान जारी कर सरकार से मांग की कि पूर्वी लद्दाख के घटनाक्रम पर पूरी जिम्मेदारी से बयान जारी करे, पार्टी ने सरकार की खामोशी पर भी सवाल उठाया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "हमारी धरती मां, हमारी संप्रभुता खतरे में है। हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, क्या हम चुप बैठे रहेंगे। भारत की जनता सच की हकदार है।" इसी ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए लिखा चीन का सामना करने का वक्त आ गया है, सामने आइए मोदी जी।"
कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से पार्टी ने औपचारिक बयान जारी किया कि देश की अखंडता के लिए कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को सच्चाई बतानी होगी तथा सभी को विश्वास में लेना होगा।