संसद में सबसे पहले किसानों की मांगें उठाएं विपक्षी दल: संयुक्त किसान मोर्चा

By भाषा | Updated: July 13, 2021 20:04 IST2021-07-13T20:04:29+5:302021-07-13T20:04:29+5:30

Opposition parties should first raise the demands of farmers in Parliament: United Kisan Morcha | संसद में सबसे पहले किसानों की मांगें उठाएं विपक्षी दल: संयुक्त किसान मोर्चा

संसद में सबसे पहले किसानों की मांगें उठाएं विपक्षी दल: संयुक्त किसान मोर्चा

नयी दिल्ली, 13 जुलाई संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए विपक्षी दलों पर दबाव डालेगा कि आगामी मानसून सत्र के दौरान संसद में किसी भी अन्य कार्य से पहले तीन नए कृषि कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों की मांगों का समाधान किया जाए।

चालीस किसान संघों के संगठन एसकेएम ने यह भी कहा कि 22 जुलाई से संसद पर प्रस्तावित प्रदर्शन की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। एसकेएम ही तीन कृषि कानूनो के खिलाफ किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहा है।

उसने कहा, “पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे दूर दराज़ के राज्यों से किसान और नेता प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं।”

एसकेएम ने कहा, “ एसकेएम की योजना के मुताबिक, प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी और उसे व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया जाएगा। हर दिन प्रदर्शन में 200 किसान हिस्सा लेंगे।”

उसने कहा कि किसानों को प्रदर्शन से रोकने की कोई भी कोशिश "गैरकानूनी और असंवैधानिक होगी।” एसकेएम ने कहा कि वह 17 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा के सभी विपक्षी सांसदों को पत्र जारी कर मांग करेगा कि, “ वे (विपक्षी दल) संसद में किसानों की मांगों को उठाएं और सुनिश्चित करें कि इन मांगों पर चर्चा की जाए और संसद में किसी भी अन्य कार्य को करने से पहले उन्हें माना जाए।”

हजारों किसान पिछले साल नवंबर के अंत से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं--सिंघू, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। वहीं सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं। बहरहाल, सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है जो गतिरोध नहीं तोड़ पाई है। अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने किसानों का खुलकर समर्थन किया है।

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Web Title: Opposition parties should first raise the demands of farmers in Parliament: United Kisan Morcha

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