राज्यसभा में विरोध के जरिए विपक्ष जन-विरोधी राजनीति की आधारशिला रख रहा: सहस्रबुद्धे

By भाषा | Updated: December 1, 2021 19:46 IST2021-12-01T19:46:43+5:302021-12-01T19:46:43+5:30

Opposition is laying the foundation of anti-people politics through protests in Rajya Sabha: Sahasrabuddhe | राज्यसभा में विरोध के जरिए विपक्ष जन-विरोधी राजनीति की आधारशिला रख रहा: सहस्रबुद्धे

राज्यसभा में विरोध के जरिए विपक्ष जन-विरोधी राजनीति की आधारशिला रख रहा: सहस्रबुद्धे

नयी दिल्ली, एक दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे ने संसद के उच्च सदन के 12 सदस्यों के निलंबन के विरुद्ध विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन करने को लेकर बुधवार को उनकी आलोचना की और कहा कि ऐसा करके वे जन-विरोधी राजनीति की आधारशिला रख रहे हैं तथा लोकतंत्र को अवरूद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं।

‘‘अशोभनीय आचरण’’ के लिए उच्च सदन के 12 सदस्यों को निलंबित करने के राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के फैसले का बचाव करते हुए सहस्रबुद्धे ने कहा कि यह कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष के हमारे साथियों के दोहरे मापदंड की बार-बार पोल खुल रही है। एक तो वे सदन को चलने नहीं देते हैं और जब कार्रवाई होती है तो उसे मुद्दा बनाकर सदन में व्यवधान पैदा करते हैं और कार्यवाही बाधित करते हैं। मैं इसे लोकतंत्र को अवरुद्ध करने का एक षड़यंत्र मानता हूं। मेरा मानना है कि विपक्ष के मेरे साथी जन-विरोधी राजनीति की आधारशिला रखने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सहस्रबुद्धे भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्यसभा में जोरादार हंगामा किया। इसकी वजह से आज सदन में ना तो प्रश्नकाल और ना ही शून्यकाल चल सका। साथ ही कोई महत्वपूर्ण कामकाज भी नहीं हो सका।

संसद का सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले मॉनसून सत्र के दौरान ‘‘अशोभनीय आचरण’’ करने की वजह से, वर्तमान सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।

उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।

जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनॉय विस्वम शामिल हैं।

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