सर्वे में दावा : यूपी में 'महागठबंधन' बना तो देश में नहीं बन पायेगी बीजेपी की सरकार, क्या होगा राहुल गांधी का?
By विकास कुमार | Published: December 25, 2018 10:17 AM2018-12-25T10:17:45+5:302018-12-25T13:03:50+5:30
सर्वे के मुताबिक, यूपी में महागठबंधन नहीं बनने की स्थिति में एनडीए को 291 सीटें मिलेंगी और वहीं यूपीए को 171 सीटें मिलेंगी। लेकिन अगर यूपी में महागठबंधन बनता है तो एनडीए को 247 सीटें मिलेंगी और यूपीए को इस स्थिति में भी 171 सीटें मिलेंगी।
देश में लोकसभा चुनाव से पहले अब इस बात के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि नरेन्द्र मोदी की सरकार 2019 में अपने आप को दोहरा पायेगी या नहीं। लेकिन इस बीच न्यूज़ चैनलों के सर्वे का सिलसिला शुरू हो गया है। बीते दिन जारी हुए एक सर्वे में मोदी सरकार के लिए अच्छी और बुरी खबर दोनों है।
एबीपी न्यूज़-सी वोटर के सर्वे में ये बात सामने आई है कि अगर उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनता है, तो एनडीए को लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। इसका साफ मतलब है कि यदि विपक्षी पार्टियों को मोदी सरकार को हटाना है तो अपने-अपने राजनीतिक अरमानों की तिलांजलि देकर साथ आना होगा। सर्वे के मुताबिक, यूपी में महागठबंधन नहीं बनने की स्थिति में एनडीए को 291 सीटें मिलेंगी और वहीं यूपीए को 171 सीटें मिलेंगी। लेकिन अगर यूपी में महागठबंधन बनता है तो एनडीए को 247 सीटें मिलेंगी और यूपीए को इस स्थिति में भी 171 सीटें मिलेंगी।
महागठबंधन नहीं बनने पर क्या होंगे हालात
एनडीए-72 सीट
एसपी-4 सीट
बीएसपी-2 सीट
कांग्रेस-2 सीट
महागठबंधन बनने पर कौन जीतेगा?
कुल- 80 सीट
एसपी और बीएसपी- 50 सीट
कांग्रेस- 2 सीट
एनडीए- 28 सीट
दोनों ही स्थितियों में इतना तय है कि यूपीए सरकार नहीं बनाने जा रही है। मोदी सरकार नहीं बन पाने की स्थिति के बावजूद भी यूपीए को खास फायदा होता हुआ नहीं दिख रहा है। इन दोनों गठबंधनों के एक अन्य तीसरा मोर्चा उभरकर सामने आ रहा है।
कहते हैं देश के प्रधानमंत्री पद का रास्ता यूपी से होकर जाता है और ये बात सर्वे में भी उभरकर सामने आया है। लेकिन इस सर्वे में भाजपा के लिए एक अच्छी खबर आई है। गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में लोकसभा का उपचुनाव हारने के बाद भाजपा को उत्तर प्रदेश में डर सता रहा था। महागठबंधन बनने के बाद भाजपा का ये डर बरकरार रहेगा।
इतना तो तय है कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन बनना तय है, कांग्रेस उसका हिस्सा होगी या नहीं इस पर अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। भाजपा के लिए सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा गठबंधन का तोड़ निकालना होगा। क्योंकि हाल ही में आये एक सर्वे के मुताबिक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट हुई है। नरेन्द्र मोदी की छवि को एक बार फिर से भुनाना बीजेपी के लिए मुश्किल भरा काम होगा।
उत्तर प्रदेश ही नरेन्द्र मोदी के लिए दिल्ली की राजगद्दी का सबसे कठिन रास्ता होने वाला है। अब आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में नरेन्द्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियां देखने को मिल सकती है।
नरेन्द्र मोदी को ये मालूम है कि उत्तर प्रदेश की जनता केवल उनके नाम पर भाजपा के पक्ष में वोट कर सकती है, क्योंकि उपचुनावों से लेकर प्रदेश सरकार के विवादास्पद फैसलों तक, योगी सरकार की छवि धूमिल होती हुई दिख रही है। ऐसे में कमान खुद आलाकमान थाम सकता है।