कोविड-19 का एक मामला दर्ज हुआ तो 30 का पता ही नहीं चला, महामारी विशेषज्ञ ने कहा-यूपी में दर्ज नहीं हो पाए सर्वाधिक मामले

By अभिषेक पारीक | Published: July 31, 2021 09:30 PM2021-07-31T21:30:39+5:302021-07-31T21:34:05+5:30

महामारी विज्ञानी डॉ चंद्रकांत लहरिया द्वारा आईसीएमआर के चौथे सीरो सर्वेक्षण के विश्लेषण में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 का एक मामला दर्ज होने के साथ 30 मामले ऐसे रहे जिनका पता नहीं चला या यह दर्ज नहीं हो पाया।

One case of covid-19 was registered and 30 could not be detected, epidemiologist said that maximum cases could not be registered in UP | कोविड-19 का एक मामला दर्ज हुआ तो 30 का पता ही नहीं चला, महामारी विशेषज्ञ ने कहा-यूपी में दर्ज नहीं हो पाए सर्वाधिक मामले

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsडॉ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि भारत में कोविड-19 का एक मामला दर्ज हुआ तो 30 का पता ही नहीं चला। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 70 जिलों में किए गए राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के निष्कर्षों को साझा किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ऐसा राज्य जहां पर एक मामला दर्ज हुआ तो 98 मामलों का पता ही नहीं चला। 

महामारी विज्ञानी डॉ चंद्रकांत लहरिया द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के चौथे सीरो सर्वेक्षण के विश्लेषण में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 का एक मामला दर्ज होने के साथ 30 मामले ऐसे रहे जिनका पता नहीं चला या यह दर्ज नहीं हो पाया। लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ट्विटर पर यह विश्लेषण साझा किया जिसमें दिखाया गया कि भारत में प्रत्येक मामले पर कितने ऐसे मामले थे जिनका पता नहीं चला। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा जानबूझकर किया गया लेकिन यह रोग निगरानी प्रणाली के प्रदर्शन और मामलों से निपटने में राज्य के कदमों को दर्शाता है। 

लहरिया ने कहा, ‘‘कई मामले बिना लक्षण वाले थे जिससे उनका पता नहीं चला। अगर सही से मरीजों के संपर्क का पता किया जाता तो बिना लक्षण वाले मामलों का भी पता चल सकता था। यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि कुछ राज्यों ने दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है क्योंकि वे अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मामले सामने ला पाए।’’ 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को देश के 70 जिलों में आईसीएमआर द्वारा किए गए राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के चौथे चरण के निष्कर्षों को साझा किया। मध्य प्रदेश 79 प्रतिशत सीरो उपस्थिति के साथ तालिका में सबसे आगे है वहीं 44.4 प्रतिशत के साथ केरल में सीरो की सबसे कम मौजूदगी मिली। इसके बाद 50.3 प्रतिशत के साथ असम और 58 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र का स्थान है। विश्लेषण के मुताबिक प्रयोगशाला में कोविड-19 के एक मामले की पुष्टि के अनुपात में छह से 98 तक ऐसे मामले रहे जो दर्ज नहीं हो पाए। 

लहरिया के मुताबिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में मामले दर्ज नहीं हो पाए। उत्तर प्रदेश में एक मामला दर्ज हुआ तो 98 ऐसे मामले रहे जिनका पता नहीं चला। जबकि केरल में एक मामला दर्ज हुआ तो छह मामलों का पता ही नहीं चल पाया। उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ऐसा राज्य रहा जहां प्रत्येक मामले पर 83 मामले सामने नहीं आ पाए। 

सीरो सर्वेक्षण में व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। यह एंटीबॉडी या तो संक्रमण के जरिए या टीके के जरिए तैयार होती है। हालांकि, लहरिया ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर सर्वेक्षण एक अधिक सटीक तस्वीर प्रदान करेगा और सरकार को तत्काल इस तरह के सर्वेक्षण की योजना बनानी चाहिए।

Web Title: One case of covid-19 was registered and 30 could not be detected, epidemiologist said that maximum cases could not be registered in UP

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे