नयी दिल्ली, 15 अगस्त समाज के पिछड़े व वंचित वर्गों के लिए आरक्षण की व्यवस्था जारी रखने का संकल्प दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ऐसे लोगों का हाथ थामना आवश्यक है।
आजादी के 75वें सालगिरह के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने आठवें संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है...यह समय की मांग है। बहुत जरूरी है कि इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे हैं, हमें उनका हाथ थामना ही होगा।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित विधेयक पारित किया है, जिससे देश के पिछड़े वर्गों को आरक्षण मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अखिल भारतीय कोटा योजना के तहत ओबीसी छात्रों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ ही दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में, ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी वर्ग के लिये आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है। संसद में कानून बनाकर ओबीसी से जुड़ी सूची बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया गया है।’’
ज्ञात हो कि अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा योजना की पिछले दिनों घोषण की गई थी। इसके तहत ओबीसी छात्रों को 27 प्रतिशत जबकि आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
संसद के मॉनसून सत्र में राज्यों को ओबीसी जातियों की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला विधेयक सर्वानुमति से पारित किया गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जैसे यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज की विकास यात्रा में कोई व्यक्ति और कोई वर्ग पीछे ना छूटे, वैसे ही देश का कोई भू-भाग या कोई कोना भी पीछे नहीं छूटना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘विकास सर्वांगीण होना चाहिए, विकास सर्वस्पर्शी होना चाहिए, विकास सर्वसमावेशक होना चाहिए। देश के ऐसे क्षेत्रों को आगे लाने के लिए पिछले सात वर्षों में जो प्रयास किए गए हैं, अब उसे और तेजी देने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले सात वर्षों में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ों गरीबों को उनके घर तक पहुंचा है और यह पहले की तुलना में बहुत तेजी से पहुंचा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उज्ज्वला से लेकर आयुष्मान भारत की ताकत आज देश का हर गरीब जानता है। आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है। वह निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है। पहले की तुलना में हम बहुत तेजी से बहुत आगे बढ़े हैं। लेकिन सिर्फ बात यहां पूरी नहीं होती है। अब हमें पूर्णता तक जाना है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की कोशिश होगी कि शत-प्रतिशत गांवों में सड़कें हों, शत-प्रतिशत परिवारों के बैंक खाते हों, शत-प्रतिशत लाभार्थियों को आयुष्मान भारत का कार्ड हो, शत-प्रतिशत पात्र व्यक्तियों को उज्ज्वला योजना और गैस कनेक्शन हों।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की बीमा योजना हो, पेंशन योजना हो, आवास योजना से हमें हर उस व्यक्ति को जोड़ना है जो उसके हकदार हैं। शत-प्रतिशत का लक्ष्य लेकर चलना है।’’
उन्होंने कहा कि आज तक रेहड़ी-पटरी लगाने और फुटपाथ पर बैठकर सामान बेचने व ठेला चलाने वालों के बारे में सोचा नहीं गया था लेकिन उनकी सरकार ने ‘‘स्वनिधि योजना’’ के जरिए उन्हें बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ना शुरु किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें कुछ ही वर्षो में अपने संकल्पों को साकार करना है।’’
देश के हर गरीब तक पोषण पहुंचाने को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब महिलाओं व बच्चों में कुपोषण और जरूरी पौष्टिक पदार्थो की कमी उनके विकास में बड़ी बाधा बनती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए यह तय किया गया है कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे पोषणयुक्त करेगी। गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी। राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड-डे मील में बालकों को मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल पोषणयुक्त कर दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि आज देश में हर गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुचाने का अभियान भी तेज गति से चल रहा है और इसके लिए मेडिकल शिक्षा में जरूरी बड़े-बड़े सुधार भी किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के गांव-गांव तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। जन औषधि योजना के माध्यम से गरीब को, मध्यम वर्ग को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। अभी तक 75 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा चुके हैं। अब ब्लॉक स्तर पर अच्छे अस्पतालों और आधुनिक लैब के नेटवर्क पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है। बहुत जल्द देश के हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन संयंत्र भी होंगे।
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