जयराम रमेश ने किया सिद्धारमैया का बचाव, जयशंकर को लेकर ट्वीट कर कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: April 19, 2023 01:19 PM2023-04-19T13:19:47+5:302023-04-19T13:20:34+5:30
कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सूडान पर किए गए ट्वीट पर विदेश मंत्री जयशंकर के जवाब ने सोशल मीडिया पर भाजपा बनाम कांग्रेस की शुरुआत कर दी।
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के सूडान पर किए गए ट्वीट पर विदेश मंत्री जयशंकर के जवाब ने सोशल मीडिया पर भाजपा बनाम कांग्रेस की शुरुआत कर दी। सूडान संघर्ष में फंसे कर्नाटक के लोगों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने ट्वीट में सिद्धारमैया ने पीएमओ, गृह मंत्री के कार्यालय, विदेश मंत्रालय और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई को टैग किया।
जयशंकर ने इसके जवाब में कहा कि यह कर्नाटक चुनाव से पहले राजनीतिकरण करने का मुद्दा नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने जयशंकर को इसलिए टैग किया क्योंकि वह विदेश मंत्री हैं। जयशंकर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा, "यदि आप भयभीत होने में व्यस्त हैं तो कृपया हमें उस व्यक्ति के बारे में बताएं जो हमारे लोगों को वापस लाने में हमारी मदद कर सकता है।"
A most appalling response from the External Affairs minister to a former CM with a genuine appeal. This level of nastiness from a man I have known so very well… who has developed new loyalties and who wants to show that in whatever he says and does. I am 😷 on his past. https://t.co/Eh9sixxbU9pic.twitter.com/NdtPYGIipZ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 19, 2023
ऐसे में अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सिद्धरमैया की वास्तविक अपील पर जयशंकर की प्रतिक्रिया सबसे भयावह है। इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा, "वास्तविक अपील के साथ एक पूर्व मुख्यमंत्री को विदेश मंत्री की ओर से सबसे भयावह प्रतिक्रिया। इस स्तर की घटिया हरकत एक ऐसे शख्स से है जिसे मैं बहुत अच्छी तरह से जनता हूं...जिसने नई वफादारी विकसित की है और जो कुछ भी कहता और करता है उसे दिखाना चाहता है। मैं उसके अतीत पर हूं।"
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान में करीब 4000 भारतीय रहते हैं। सूडान की सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। सूडान पर नियंत्रण को लेकर देश की सेना तथा शक्तिशाली अर्द्धसैनिक बल के बीच लगातार खींचतान जारी है।