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VIDEO: आज दिवाली के दिन DRDO ने 30 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन को मार गिराने के लिए लांच किया मिसाइल, जानिए इसकी 5 खास बातें

By अनुराग आनंद | Updated: November 14, 2020 21:46 IST

इस मिसाइल की खास बात यह है कि ये लक्ष्य का पता लगने और उस पर नजर रखने और ध्वस्त करने में सक्षम है। इस प्रणाली को भारतीय सेना की हमलावर टुकड़ी को हवाई रक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।

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ठळक मुद्देइस मिसाइल की रडार 30 किमी दूर से ही पायलट रहित विमान लक्ष्य का पता लगा लिया।इसके साथ ही इस मिसाइल ने 30 किमी दूर से ही पायलट रहित विमान लक्ष्य का पता लगाने के साथ ही उसे ध्वस्त कर दिया।

नई दिल्ली: भारत ने चीन समेत दूसरे पड़ोसी देशों के लड़ाकू विमान को मार गिराने के लिए आज दिवाली के दिन मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ये वो हथियार है, जो पाकिस्तान या फिर चीनी लाल सेना की साजिशों का पलक झपकते ही काम तमाम कर देगा।

दरअसल, भारत एलएसी पर चीन से टेंशन हाई होने के बाद से ही हिंदुस्तान ताबड़तोड़ हथियारों का टेस्ट करता जा रहा है। एक से बढ़कर एक। एक के बाद एक। शानदार...जानदार... और जबरदस्त

बता दें कि शुक्रवार को त्वरित प्रतिक्रिया वाली सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल (क्यूआरएसएएम) प्रणाली का सफल परीक्षण किया। मिसाइल को परीक्षण के लिए ओडिशा के एक प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया और इसने मध्यम रेंज और मध्य ऊंचाई पर पायलट रहित विमान (पीटीए) को मार गिराया।

इस तरह सफल परीक्षण के बाद साबित हो गया कि क्विक रिएक्शन सरफेस टु एयर मिसाइल से 30 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के विमान को उड़ाया जा सकता है।

आइए जानते हैं इस मिसाइल की 5 खास बातें-

1 इस मिसाइल की खास बात यह है कि ये लक्ष्य का पता लगने और उस पर नजर रखने और ध्वस्त करने में सक्षम है। इस प्रणाली को भारतीय सेना की हमलावर टुकड़ी को हवाई रक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे एक स्तरीय ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर से दागा गया।

2 इस मिसाइल की रडार 30 किमी दूर से ही पायलट रहित विमान लक्ष्य का पता लगा लिया और लक्ष्य के मारक सीमा में आने पर मिसाइल को दागा गया और इसने सीधे लक्ष्य पर प्रहार किया और उसे ध्वस्त कर दिया।

3 इस मिसाइल को मोबाइल प्रक्षेपण का इस्तेमाल करके भी दागा जा सकता है। बयान में कहा गया है कि परीक्षण के लिए क्यूआरएसएएम हथियार प्रणाली के सभी तत्वों जैसे बैटरी, बहुकार्य रडार, बैटरी निगरानी रडार, बैटरी कमान पोस्ट यान और मोबाइल प्रक्षेपक को तैनात किया गया था।

4 मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है और इसमें सक्रिय आरएफ सीकर, इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्चुएशन (ईएमए) प्रणाली लगी है।

5 इस मिसाइल की परीक्षण के बाद भारत को दूसरे किसी देश पर इस तकनीक के मामले में निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी। 

टॅग्स :डीआरडीओमिसाइलदिवालीचीनपाकिस्तान
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