देवेंद्र फड़नवीस के 'बदला लिया' वाले बयान पर संजय राउत ने कहा, "उन्होंने ऐसा कह के खुद को बौना बना लिया है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 16, 2022 20:28 IST2022-11-16T20:25:08+5:302022-11-16T20:28:44+5:30
शिवसेना के संजय राउत ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के "बदले" वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि सत्ता की लालच में देवेंद्र फड़नवीस जैसे बड़े कद के नेता ने खुद को बहुत नीचे गिरा लिया है।

फाइल फोटो
मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मनी लॉन्ड्रिंग केस में लगभग 100 दिन ऑर्थर रोड जेल में काटने के बाद बीते दिनों जमानत पर रिहा होने वाले राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सूबे के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के उस बयान की बेहद तीखी आलोचना की है, जिसमें देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे के संबंध में कहा था कि वो धोखा देने वालों को कभी नहीं छोड़ते हैं और उन्होंने उनसे "बदला" लिया है।
सांसद संजय राउत ने फड़नवीस के इस बयान पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह बेहद खेदजनक है कि सत्ता की लालच में देवेंद्र फड़नवीस जैसे बड़े कद के नेता ने खुद को बहुत नीचे गिरा लिया है। एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए राउत ने फड़नवीस के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा, “महाराष्ट्र में सियासत बदले की भावना से नहीं होती है। लेकिन अगर देवेंद्र फड़नवीस ऐसा मिसालें पेश कर रहे हैं तो निश्चित ही यह महाराष्ट्र की संस्कृति के खिलाफ है।"
बयान के लिए देवेंद्र फड़नवीस को आलोचना के कटघरे में खड़ा करते हुए संजय राउत ने कहा, "राजनीति में मतभेद होना आम बात है, लेकिन इतिहास सामने है कि आज तक महाराष्ट्र की राजनीति में किसी ने 'बदले' शब्द का प्रयोग नहीं किया था। इस तरह की राजनीति करके फड़नवीस खुद अपने कद को बौना बना रहे हैं।"
संजय राउत का यह सियासी हमला देवेंद्र फड़नवीस के उस इंटरव्यू के संबंध में था, जिसमें उन्होंने बीते मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे ने चुनाव बाद उन्हें धोखा दिया। इसलिए उन्होंने ठाकरे के धोखे से मजबूर होकर बदला लिया। देवेंद्र फड़नवीस ने उद्धव ठाकरे के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “अगर कोई मुझे धोखा देता है, तो मैं उससे बदला जरूर लेता हूंस हां, मैंने उनसे भी बदला लिया है।”
दरअसल देवेंद्र फड़नवीस ने जिस बदले की बात कही, उससे उनका आशय शिवसेना में फूट डालने से था। देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना को दो फाड़ में तोड़कर उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई और ठाकरे से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के तौर पर स्थापित होने में मदद की। एकनाथ शिंदे, जो किसी जमाने में उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी माने जाते थे। उन्होंने शिवसेना के 39 अन्य विधायकों के साथ पार्टी को तोड़कर भाजपा के समर्थन से नई सरकार बना ली और ठाकरे को सत्ता से दूर कर दिया।
देवेंद्र फड़नवीस ने अपने 'बदले' को परिभाषित करते हुए कहा, "जब कोई आपके साथ सत्ता का आनंद लेता है, आपके साथ रहता है लेकिन अचानक आपकी पीठ में छुरा घोंपा जाए तो ऐसे राजनीतिक माहौल में आपको जिंदा रहने के लिए उसके साथ वैसा ही व्यवहार करना पड़ता है, नहीं तो आप राजनीति में जीवित नहीं रह सकते। राजनीति में आपको अच्छा रहना चाहिए। लेकिन अगर कोई आपकी अच्छाई का फायदा उठातक धोखा दे तो उसे उसकी जगह दिखानी चाहिए। मैंने उन्हें (उद्धव ठाकरे) उनकी जगह दिखा दी है और इसके लिए मुझे खुद पर गर्व है। अगर उन्होंने मुझे धोखा दिया, तो मैंने उसका बदला ले लिया।"
इसके साथ ही देवेंद्र फड़नवीस ने यह भी कहा, ''उन्होंने (उद्धव) खुद के पैर में गोली मारी है। मुझे कुछ पता नहीं है कि उन्होंने किस मानसिकता में आकर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाया। मुझे यह भी समझ में नहीं आया कि वो मुख्यमंत्री पद के लिए इतने आतुर क्यों थे। राजनीति में कभी-कभी परिस्थितियों को देखते हुए अलग सोच की लोगों के साथ हाथ मिलाना पड़ता है लेकिन उसके बाद भी आप उन्हीं से हाथ मिलाते हैं, जिनसे आपके विचार मिलते हैं।"