राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने संबंधी अनुच्छेद 370 समाप्त करने के सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए यह अत्यधिक आवश्यक था और सभी को इसका समर्थन करना चाहिए।
पूर्व उप प्रधानमंत्री और भाजपा के लौहपुरुष कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने भी मोदी सरकार को इस फैसले पर बधाई है। लालकृष्ण आडवाणी ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने वाले केंद्र सरकार के फैसले का वह स्वागत करते हैं, देश की एकजुटता को मजबूत करने की ओर ये ऐतिहासिक फैसला है।
सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश (भय्याजी) जोशी ने संयुक्त बयान में कहा ‘‘सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए अत्यधिक आवश्यक था।’’ उन्होंने कहा कि सभी को अपने स्वार्थों एवं राजनीतिक भेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंडों को हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया है। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र की अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधायिका वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा ।
आडवाणी ने लिखा कि अनुच्छेद 370 को हटाना का भाजपा के संकल्प में रहा है, जनसंघ के जमाने से ये हमारे संकल्प में है। उन्होंने लिखा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक फैसले के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने लिखा कि वह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शांति और विकास की प्रार्थना करते हैं।
लालकृष्ण आडवाणी से पहले भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा होना बताया। गौरतलब है कि सोमवार सुबह मोदी कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को लिया गया, जिसके बाद संसद के पटल पर गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा मंजूर अधिसूचना को रखा। इसी के साथ ही साफ किया गया कि जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है और साथ ही लद्दाख एक अलग राज्य बन गया है।