'संसद में धरना नहीं' पर बोले ओम बिरला- इसपर नहीं होनी चाहिए राजनीति, ये नियमित प्रक्रियाओं का हिस्सा है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2022 06:06 PM2022-07-15T18:06:36+5:302022-07-15T18:07:54+5:30

संसद परिसर में धरने-प्रदर्शन को लेकर रोक लग गई है। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि नए दिशानिर्देश जो 'प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, (या) उपवास...' पर प्रतिबंध लगाते हैं 2009 से "नियमित प्रक्रियाओं" का हिस्सा थे।

Om Birla on no Dharna in Parliament notice says there should be no politics | 'संसद में धरना नहीं' पर बोले ओम बिरला- इसपर नहीं होनी चाहिए राजनीति, ये नियमित प्रक्रियाओं का हिस्सा है

'संसद में धरना नहीं' पर बोले ओम बिरला- इसपर नहीं होनी चाहिए राजनीति, ये नियमित प्रक्रियाओं का हिस्सा है

Highlightsलोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दिशा-निर्देश और अपील हर सत्र से पहले जारी किए जाते हैं।

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि 'असंसदीय' व्यवहार पर नए दिशानिर्देश जो 'प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, (या) उपवास...' पर प्रतिबंध लगाते हैं 2009 से "नियमित प्रक्रियाओं" का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के दिशा-निर्देश और अपील हर सत्र से पहले जारी किए जाते हैं। इसलिए इसे एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए। ऐसे दिशा-निर्देश पहले भी जारी किए गए थे।

बिरला ने कहा कि मैं सभी राजनीतिक दलों से बिना तथ्यों के लोकतांत्रिक संस्थानों पर आरोप नहीं लगाने का आग्रह करता हूं। वहीं, बिरला ने गुरुवार को कहा था कि संसदीय कार्यवाही के दौरान किसी शब्द के प्रयोग को प्रतिबंधित नहीं किया गया है तथा सदस्य सदन की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिये स्वतंत्र हैं। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिठ्ठू जैसे शब्द शामिल हैं।

विपक्षी दलों द्वारा इस संबंध में विरोध जताए जाने के बाद ओम बिरला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, "किसी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। सदस्य अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, कोई भी उस अधिकार को नहीं छीन सकता है, लेकिन यह संसद की मर्यादा के अनुसार होना चाहिए।  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात ‘असंसदीय’ के रूप में वर्गीकृत नए शब्दों को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की आलोचना पर कही। 

Web Title: Om Birla on no Dharna in Parliament notice says there should be no politics

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