लाल किला हिंसा मामले में 80 वर्षीय सेना के पूर्व सूबेदार गिरफ्तार, पत्नी ने कहा- हमारे देशभक्त पति को खालिस्तानी मत कहो
By अनुराग आनंद | Updated: February 4, 2021 07:59 IST2021-02-03T13:17:44+5:302021-02-04T07:59:34+5:30
लाल किला हिंसा मामले में सेना के पूर्व सूबेदार गुरमुख सिंह को मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा 29 जनवरी को हिरासत में लिया गया था।

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान कुछ उपद्रवियों ने दिल्ली के लाल किला पर पहुंचने की घोषणा की थी। इसके बाद वह अपनी योजना मुताबिक दिल्ली पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ते रहे।
इन उपद्रवियों के पीछे ट्रैक्टर मार्च कर रहे हजारों लोग चलते रहे। लाल किला पर कुछ लोगों ने तिरंगा समेत एक धर्म विशेष का झंडा भी फहराया था। इसके बाद देश में इस घटना की आलोचना हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा ने लाल किला हिंसा के बाद इस मामले में कहा था कि मोर्चा के लोग तय रास्ते पर ट्रैक्टर लेकर निकले थे। लेकिन, देश के कई राज्यों से पहली बार लोग दिल्ली आए थे। ऐसे में रास्ता पता नहीं होने पर कुछ उपद्रवियों के पीछे-पीछे वह लाल किला पहुंच गए।
किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस ने आसानी से इन उपद्रवियों को लाल किला जाने दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसी मामले में एक सेना के पूर्व सूबेदार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गणतंत्र दिवस हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 122 लोगों की सूची में 80 वर्षीय गुरुमुख सिंह का नाम आने के एक दिन बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पंजाब में उनके परिवार के लोगों ने बताया कि हमें पुलिस की गिरफ्तारी से भी अधिक खालिस्तानी कहे जाने को लेकर दुख है।
29 जनवरी को मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा हिरासत में लिया गया
बता दें कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सबसे बुजुर्ग शख्स गुरमुख को 29 जनवरी को मुखर्जी नगर पुलिस स्टेशन के कर्मचारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था। वह फतेहगढ़ साहिब जिले के शमसपुर गांव का रहने वाला एक छोटा किसान है और अपनी डेढ़ एकड़ जमीन पर गेहूं और धान उगाता है। किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने के लिए गुरुमुख दिल्ली आए हुए थे।
सेना के पूर्व सूबेदार की पत्नी अपने पति के बारे में खालिस्तानी कहे जाने से दुखी हैं-
गांव के सरपंच हरपिंदर सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी मनजीत कौर किसानों को 'खालिस्तानियों' के रूप में बार-बार कहने से नाराज हैं। गुरुमुख के परिवार ने कहा कि वह तीनों नए कृषि कानून के बारे में जानकर पहले ही दिन से इन कानूनों के खिलाफ थे और उन्हें निरस्त करना चाहते थे। गुरमुख तीन दशक तक भारतीय सेना में सूबेदार के रूप में अपनी योगदान देने के बाद सेवानिवृत्त हुए थे। वह एक बेहद अनुशासित जीवन जीते थे।
गांव के हर परिवार से एक लोग जाएंगे दिल्ली: पंचायत में फैसला
गांव के लोगों ने कहा कि वह एक बेहद सुलझे इंसान थे। पूर्व सरपंच सतनाम सिंह ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें इतना अधिक उम्र होने के बावजूद गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गांव ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया कि प्रत्येक परिवार के एक लोगों को विरोध के लिए दिल्ली जाना है और जो लोग नहीं जाएंगे उसे समाजिक बहिष्कार किया जाएगा।