ओडिशा की मांडा भैंस को मिला स्वदेशी का तमगा

By भाषा | Updated: September 8, 2021 13:01 IST2021-09-08T13:01:10+5:302021-09-08T13:01:10+5:30

Odisha's Manda buffalo got indigenous tag | ओडिशा की मांडा भैंस को मिला स्वदेशी का तमगा

ओडिशा की मांडा भैंस को मिला स्वदेशी का तमगा

भुवनेश्वर, आठ सितंबर ओडिशा में भैंसों की एक प्रजाति ‘मांडा’ को राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) ने स्वदेशी नस्ल के तौर पर मान्यता दी है। भैंसों की यह प्रजाति कोरापुट जिले और पड़ोस के मल्कानगिरि और नबरंगपुर इलाकों में पाई जाती है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक शाखा, एनबीएजीआर देश में मवेशियों और मुर्गियों के नए पहचाने गए जर्मप्लाज्म (जीवित आनुवंशिक संसाधन) के पंजीकरण के लिए केंद्रीय एजेंसी है।

केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि नयी शामिल प्रजाति के बाद देश में स्वदेशी नस्लों की संख्या 202 हो गई है जिसमें 19 प्रकार की भैंसें शामिल हैं।

आईसीएआर से संबंधित एक पोर्टल बफेलोपीडिया के अनुसार, मांडा भैंसे भूरे या मटमैले सफेद रंग की होती हैं, जिनके बाल तांबे के रंग के होते हैं। उनके सींग चौड़े होते हैं जो पीछे की ओर घूम कर आधा घेरा बनाते हैं।

पोर्टल पर बताया गया है कि ये भैंस मध्यम दूध देने वाली होती हैं, और 290 दिनों की स्तनपान अवधि में लगभग 700 लीटर का उत्पादन करती हैं। मादा मांडा भैंसों का कुछ स्थानों पर कृषि कार्यों में भी उपयोग किया जाता है।

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Web Title: Odisha's Manda buffalo got indigenous tag

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