मद्रास हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण का रास्ता साफ किया
By भाषा | Published: July 28, 2020 05:01 AM2020-07-28T05:01:14+5:302020-07-28T05:01:14+5:30
मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को मेडिकल सीटों के ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कार्यान्वयन की विधि तैयार करने को लेकर पैनल बनाने का निर्देश दिया है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने गैर केंद्रीय संस्थानों में मेडिकल सीटों पर अखिल भारतीय कोटे के तहत अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) को आरक्षण देने का रास्ता साफ कर दिया। अदालत ने केन्द्र से सोमवार को कहा कि वह तीन महीने में आरक्षण का प्रतिशत तय करे।
मुख्य न्यायाधीश एपी शाही और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार रामामूर्ति की पीठ ने कहा, ‘‘...हम सिद्धांत: पाते हैं कि राज्यों द्वारा अखिल भारतीय कोटे को दी गई तमिलनाडु की राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की मेडिकल की स्नातक/परास्नातक सीटों पर ओबीसी आरक्षण का लाभ देने में कोई कानूनी या संवैधानिक रुकावट नहीं है, लेकिन यह बात आगे उच्चतम न्यायालय के आदेशों और निर्देशों पर निर्भर करेगा।’’
अदालत ने भारतीय चिकित्सा परिषद के उस तर्क से असहमति जताई कि अखिल भारतीय कोटे में आरक्षण से गुणवत्ता से समझौता होगा। अदालत ने कहा कि यह तर्क कमजोर पड़ जाता है कि क्योंकि नीट परीक्षा के ढांचे को इस तरह से तैयार किया गया है कि अब सिर्फ उन्हीं छात्रों को प्रवेश मिलेगा जो न्यूनतम तय योग्यता रखते हों। अदालत ने कहा, ‘‘ इसलिए आरक्षण राज्य के किसी विशेष नियम या कानून के तहत लागू हो या फिर अखिल भारतीय कोटे की केंद्र की नीतियों के तहत, इससे छात्रों की प्रतिभा/गुणवत्ता पर कोई असर नहीं होगा।’’