नर्सिंग निकायों ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सहायक प्रशिक्षण योजना का विरोध किया

By भाषा | Published: June 17, 2021 08:20 PM2021-06-17T20:20:15+5:302021-06-17T20:20:15+5:30

Nursing bodies oppose Delhi government's health assistant training scheme | नर्सिंग निकायों ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सहायक प्रशिक्षण योजना का विरोध किया

नर्सिंग निकायों ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सहायक प्रशिक्षण योजना का विरोध किया

नयी दिल्ली, 17 जून नर्सिंग निकायों ने कोविड​​​​-19 की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के तहत 5,000 युवाओं को स्वास्थ्य सहायक के रूप में प्रशिक्षित करने के दिल्ली सरकार के फैसले को वापस लिये जाने की मांग करते हुए कहा कि यह यह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ होगा।

निकायों ने सवाल किया कि क्यों सरकार ऐसे अनुभवहीन सहायकों के बजाय अधिक नर्सों या नर्सिंग अर्दलियों को नियुक्त नहीं कर सकती।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की थी कि सरकार कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के तहत 5,000 युवाओं को स्वास्थ्य सहायक के रूप में प्रशिक्षित करेगी। उन्होंने कहा था कि वे जरूरत पड़ने पर नर्सों और डॉक्टरों की मदद करेंगे।

केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें नर्सिंग, पैरामेडिकल, जीवनरक्षक उपाय, घर पर प्राथमिक उपचार, नमूना एकत्र करने का तरीका, ऑक्सीजन सांद्रक और सिलेंडर के इस्तेमाल और इसी तरह के काम के लिए मूलभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि 500 ​​उम्मीदवारों के बैच का 28 जून से प्रशिक्षण शुरू होगा।

दिल्ली नर्सेस यूनियन के अध्यक्ष बी एल शर्मा ने कहा कि जब एक अस्पताल अनुबंध के आधार पर नर्सिंग कर्मी को काम पर रखता है, तो न्यूनतम योग्यता एक डिप्लोमा होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘तीन साल के डिप्लोमा कोर्स में, छात्र मानव शरीर रचना के बारे में सीखने में एक साल बिताते हैं। 14 दिन का प्रशिक्षण सिर्फ हास्यास्पद है। यहां तक ​​​​कि एएनएम (सहायक नर्स दाइयों) को भी एक साल का प्रशिक्षण मिलता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार लोगों की जिंदगी से खेल रही है। यह कदम उल्टा पड़ सकता है और इससे और मौतें हो सकती हैं।’’

शर्मा ने कहा कि सरकार यह दिखाना चाहती है कि दिल्ली में महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पिछले साल ही इस तरह के कार्यबल तैयार करने का काम शुरू करना चाहिए था। सिस्टम 'झोलाछाप' डॉक्टरों को मान्यता नहीं देता है। उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण नहीं मिलता है, लेकिन उनके पास क्षेत्र में वर्षों का अनुभव होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये झोलाछाप ऐसे स्वयंसेवकों से किसी भी तरह बेहतर हैं।’’

द ट्रेंड नर्सेस एसोसिएशन आफ इंडिया (टीएनएआई) योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की।

टीएनएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रॉय के जॉर्ज ने ट्वीट किया, ‘‘दो सप्ताह में नर्सिंग कौशल के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान मानव जीवन के लिए खतरनाक है। टीएनएआई योजना को तत्काल वापस लेने की मांग करता है। एक जिम्मेदार सरकार युद्ध स्तर पर नर्सों की भर्ती के लिए कदम उठाएगी।’’

दिल्ली नर्सेस फेडरेशन के महासचिव लीलाधर रामचंदानी ने कहा, ‘‘सरकार नौकरी के लिए और नर्सों या नर्सिंग अर्दली को क्यों नहीं रख सकती है? उनमें से कई नौकरी की तलाश में हैं और अस्पतालों पर इतना बोझ होने के कारण प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ बेहतर प्रदर्शन कर सकता है और रोगियों के लिए अधिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।’’

एम्स नर्स यूनियन के महासचिव फमीर सीके ने सरकार से ‘‘मानव जीवन के साथ प्रयोग’’ नहीं करने का आग्रह किया।

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