एनएसएसओ के आधार पर भारत में नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7 : 1 होने का अनुमान : रिपोर्ट

By भाषा | Updated: September 21, 2021 17:11 IST2021-09-21T17:11:47+5:302021-09-21T17:11:47+5:30

Nurse-doctor ratio in India estimated to be 1.7:1 based on NSSO: Report | एनएसएसओ के आधार पर भारत में नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7 : 1 होने का अनुमान : रिपोर्ट

एनएसएसओ के आधार पर भारत में नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7 : 1 होने का अनुमान : रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 21 सितंबर राष्‍ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के आधार पर भारत में नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7:1 होने तथा संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों का अनुपात 1:1 होने का अनुमान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि विभिन्न स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कोई मानक कौशल-मिश्रण अनुपात नहीं था। बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठन (ओईसीडी) के अधिकतर देशों ने अपने यहां प्रति चिकित्सक लगभग 3-4 नर्सों की जानकारी दी है।

इसमें कहा गया है कि भारतीय उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समूह (एचएलईजी) के मुताबिक देश में नर्स-डॉक्टर के बीच का अनुपात 3 : 1 होना चाहिए। इसके अलावा संबद्ध स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के बीच का अनुपात भी निश्चित होना चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसएसओ के आंकड़ों के आधार पर भारत में नर्स-डॉक्टर का अनुपात 1.7 : 1 होने का अनुमान है। पंजाब में यह अनुपात सर्वाधिक 6.4 : 1 है जबकि राजधानी दिल्ली में 4.5 : 1 है। वहीं बिहार, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश में एक डॉक्टर पर नर्सों की संख्या एक से भी कम है।

इस रिपोर्ट में की गयी सिफारिश के मुताबिक भारत को सक्रिय स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मानव संसाधन (एचआरएच) में निवेश करने और कौशल-मिश्रण अनुपात में सुधार करने की आवश्यकता है । इसके लिए पेशेवर कॉलेजों और तकनीकी शिक्षा में निवेश करना होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत को योग्य स्वास्थ्य पेशेवरों को श्रम बाजारों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने और उन लोगों के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण और कौशल निर्माण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जो पहले से ही काम कर रहे हैं लेकिन पूर्णत: दक्ष स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं हैं।

एनएसएसओ की ओर से 2017-18 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, देश में कुल 57 लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं, जिसमें एलोपैथिक डॉक्टर (11 लाख), दंत चिकित्सक (2.7 लाख), नर्स (23 लाख), फार्मासिस्ट (12 लाख) और पारंपरिक चिकित्सा व्यवसायी (आयुष 7.9 लाख) शामिल हैं।

अध्ययन में कहा गया है कि ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं के आंकड़ों से पता चलता है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टरों और नर्सों के कई पद रिक्त हैं।

देश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में तैनात विशेषज्ञों की सबसे अधिक कमी है, भारत को स्वास्थ्य क्षेत्र में विभिन्न पदों के लिए भर्ती करने में राज्यों में कमी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी की क्रमिक रूप से प्रकाशित रिपोर्टों की समीक्षा से पता चलता है कि संपूर्ण देश में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में एक निश्चित वृद्धि हुई है, लेकिन वह बहुत ही धीमी गति से हुई है और पर्याप्त नहीं है।

स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में कई बाधाओं की वजह से कई पद खाली पड़े हैं। इन बाधाओं में भर्ती प्रक्रिया को लेकर याचिकाएं दाखिल करना और, खास तौर पर अनुबंधित कर्मचारियों को समय से पहले सेवा से हटा दिया जाना शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में यदि नर्सों की भर्ती में 200 प्रतिशत की वृद्धि होती है तो 2030 तक डॉक्टर-नर्स का अनुपात देश में 1 : 1.5 तक हो जाएगा।

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Web Title: Nurse-doctor ratio in India estimated to be 1.7:1 based on NSSO: Report

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