सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या पूर्ण, लेकिन उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के 414 पद रिक्त, 43 लाख से अधिक मामले लंबित
By भाषा | Published: October 15, 2019 05:00 PM2019-10-15T17:00:59+5:302019-10-15T17:00:59+5:30
ये आंकड़े मंत्रालय ने एक अक्टूबर को जारी किए थे, जो दिखाते हैं कि उच्च न्यायालयों में 420 न्यायाधीशों की कमी है, जो इस वर्ष अब तक सर्वाधिक है। गत एक अक्टूबर तक उच्च अदालतों में 659 न्यायाधीशों थे जबकि कुल मंजूर पद 1079 हैं। सितंबर में, 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 414 पद रिक्त थे।
उच्चतम न्यायालय न्यायाधीशों की अपनी पूर्ण क्षमता के साथ काम कर रहा है जबकि देश की 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कानून मंत्रालय के हालिया डेटा में यह जानकारी निकल कर सामने आई है। ये आंकड़े मंत्रालय ने एक अक्टूबर को जारी किए थे, जो दिखाते हैं कि उच्च न्यायालयों में 420 न्यायाधीशों की कमी है, जो इस वर्ष अब तक सर्वाधिक है। गत एक अक्टूबर तक उच्च अदालतों में 659 न्यायाधीशों थे जबकि कुल मंजूर पद 1079 हैं। सितंबर में, 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 414 पद रिक्त थे।
अगस्त में यह आंकड़ा 409 था और जुलाई में 403। उच्च न्यायालयों में 43 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय का तीन सदस्यीय कोलेजियम उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश करता है।
इसके बाद, उच्च न्यायालय का कोलेजियम संबंधित उच्च न्यायालयों के लिए उम्मीदवारों के नामों को शॉर्ट लिस्ट करता है और उन चयनित नामों को कानून मंत्रालय के पास भेज देता है। मंत्रालय खुफिया ब्यूरो से उन लोगों की पृष्ठभूमि की जांच करवाने के बाद अंतिम निर्णय के लिए इसे उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम में भेज देता है।
न्याय विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में उच्च न्यायालयों में रिक्त पदों की संख्या 392 थी। सितंबर में चार नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 तक पहुंच गई जो सर्वाधिक है।