नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना महामारी का सबसे अधिक असर दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों में देखने को मिल रहा है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार लगातार कोरोना संक्रमण के मामले को रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ा रही है।
इसी क्रम में सोमवार को दिल्ली के 5 नए क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया गया है। इसके साथ ही कुल कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 84 हो गई है।
आज जिन क्षेत्रों को इस लिस्ट में शामिल किया गया उनमें तुगलकाबाद एक्सटेंशन की लेन 24-28, जहांगीरपुरी के ब्लॉक -जी, संजय एन्क्लेव के फ्लैट नंबर 265 से 500, त्रिलोकपुरी के ब्लॉक 34, और शालीमार बाग के ब्लॉक AF को कंस्ट्रक्शन जोन की सूची में जोड़ा गया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के केसों की संख्या दो हजार पार कर गई है। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दी है। बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना वायरस के सैकड़ों मामले सामने आए हैं और दिल्ली में कुल मामलों की संख्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 2003 है। वहीं, मृतकों की संख्या बढ़कर 45 पहुंच गई है। दिल्ली में आज से रैपिड टेस्ट शुरू हो गया है।
दिल्ली सरकार को दो दिन पहले 42 हजार रैपिड टेस्ट किट्स मिल गई थी और आज से कंटेनमेंट जोन में जांच शुरू होगी। दिल्ली सरकार ने 79 इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में फीस नहीं भर सकने वाले छात्रों को भी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को निजी स्कूलों से कहा कि इस कठिन समय में फीस नहीं भर सकने वाले छात्रों को भी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने दिया जाए। सिसोदिया ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 300 से अधिक निजी स्कूलों के प्राचार्यों से बात की और ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान अपनाई जाने वाली, शिक्षण की रणनीतियों पर चर्चा की।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम इस कठिन समय में छात्रों को इससे प्रभावित नहीं होने दें। हमें इस मुद्दे का अत्यधिक ध्यान रखने की जरूरत है। अगर छात्रों के माता पिता उनकी फीस भर पाने में यदि सक्षम नहीं हैं तो भी उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने दिया जाए।’’ यह चर्चा एक घंटे से अधिक समय तक चली, जिसमें प्राचार्यों ने ऑनलाइन उपकरणों का उपयोग करते हुए अध्ययन में सहयोग की अपनी रणनीतियां साझा की।
शिक्षा निदेशक के सलाहकार शैलेंद्र शर्मा ने कहा, ‘‘हमारा मुख्य ध्यान मौजूदा स्थिति से निपटने में न सिर्फ बच्चों की मदद करना है बल्कि उनके बच्चों के साथ उनके माता पिता को भी व्यस्त करना है।
हमने एक प्रतिदिन अभ्यास या गतिविधि एसएमएस या आईवीआर के जरिये नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के माता पिता के फोन पर भेजे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इससे माता पिता को एक शिक्षक की तरह अपने बच्चों को सिखाने में मदद मिलेगी।