NSA अजीत डोभाल को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा, अमित शाह-एस जयशंकर के कद के बराबर पहुंचे

By हरीश गुप्ता | Published: June 4, 2019 08:48 AM2019-06-04T08:48:26+5:302019-06-04T09:32:28+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ अस्पष्ट कारणों से सुषमा स्वराज को अपनी टॉप-4 टीम में शामिल न करने का फैसलाकर जयशंकर को लाए. जयशंकर का सुषमा के साथ बहुत अधिक सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं था. इस प्रकार मोदी ने डोभाल को कैबिनेट रैंक देकर राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता दी है.

NSA Ajit Doval gets 5 more years in narendra modi government and cabinet rank as well | NSA अजीत डोभाल को मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा, अमित शाह-एस जयशंकर के कद के बराबर पहुंचे

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Highlightsअजित डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा और लगातार दूसरी बार पांच साल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में नियुक्त किया गया.इस कड़ी में पहला आदेश डोवाल के दूसरे कार्यकाल और उनकी पदोन्नति के लिए जारी किया गया है. गृह मंत्रालय कमान कद्दावर अमित शाह के संभालने से आंतरिक सुरक्षा मामलों में डोभाल की भूमिका निश्चित रूप से केवल सलाहकार की होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सबसे भरोसेमंद अजित डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा और लगातार दूसरी बार पांच साल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के रूप में नियुक्त कर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पुनर्गठन की दिशा में अपना पहला कदम रखा है. प्रधानमंत्री का पहला कार्यकाल समाप्त होने के साथ डोभाल के अलावा प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्र और उपप्रधान सचिव पी. के. मिश्र का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

इस कड़ी में पहला आदेश डोवाल के दूसरे कार्यकाल और उनकी पदोन्नति के लिए जारी किया गया है. उनकी पदोन्नति के साथ विसंगति भी सामने आई है. विदेश मंत्री बनए गए एस. जयशंकर 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे हैं, जबकि डोभाल 1968 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) हैं. विदेशी मामलों के मंत्रालय में बड़े बदलाव के लिए मोदी ने बाहर से विशेषज्ञ को लाने का फैसला किया जो दो साल पूर्व अत्यधिक वेतन पर टाटा में शामिल हुए थे.

प्रधानमंत्री मोदी कुछ अस्पष्ट कारणों से सुषमा स्वराज को अपनी टॉप-4 टीम में शामिल न करने का फैसलाकर जयशंकर को लाए. जयशंकर का सुषमा के साथ बहुत अधिक सौहार्दपूर्ण संबंध नहीं था. इस प्रकार मोदी ने डोभाल को कैबिनेट रैंक देकर राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को मान्यता दी है. डोभाल गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को दिए गए पद के बराबर हैं. हालांकि तकनीकी रूप से ये दोनों पद में डोभाल से वरिष्ठ हैं.

आंतरिक सुरक्षा मामलों में होगी सलाहकार की भूमिका

गृह मंत्रालय कमान कद्दावर अमित शाह के संभालने से आंतरिक सुरक्षा मामलों में डोभाल की भूमिका निश्चित रूप से केवल सलाहकार की होगी. खुफिया ब्यूरो (आईबी) पहले गृह मंत्री को रिपोर्ट करेगा, एनएसए को नहीं. वहीं, जयशंकर विदेशी मामलों के पुराने खिलाड़ी हैं, इसलिए वहां भी डोभाल की भूमिका बहुत कम हो जाएगी.

नृपेंद्र मिश्र को बाद में बनाया जा सकता राज्यपाल

अब सबकी निगाहें नृपेंद्र मिश्र के लिए होने वाली की अगली घोषणा पर टिकी हैं, जो 5 साल के अतिरिक्त कार्यकाल की उम्मीद कर रहे हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मिश्र के दोबारा कार्यकाल की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं. उन्हें बाद में राज्यपाल बनाया जा सकता है. इन सूत्रों का यह भी कहना है कि निष्ठावान उप प्रधान सचिव पी. के. मिश्र को पदोन्नति मिल सकती है.

Web Title: NSA Ajit Doval gets 5 more years in narendra modi government and cabinet rank as well

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