लॉकडाउनः लो जी डाकिया लेटर ही नहीं आम और लीची भी घर लेकर आएंगे, ऑनलाइन करें ऑर्डर, घरों तक डिलीवरी
By भाषा | Published: May 28, 2020 03:09 PM2020-05-28T15:09:04+5:302020-05-28T15:09:54+5:30
लॉकडाउन के दौरान बिहार में डाक विभाग और बागवानी विभाग के बीच हुए एक समझौते के तहत अब राज्य के लोग घर बैठे मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर का जर्दालू आम ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा सकते हैं।
पटना: बिहार में डाक विभाग और बागवानी विभाग के बीच हुए एक समझौते के तहत अब राज्य के लोग घर बैठे मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर का जर्दालू आम ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगवा सकते हैं। अब डाकिये आपके घरों तक आम और लीची पहुंचाएंगे। बिहार पूर्वी प्रक्षेत्र डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि मुज़फ्फ़रपुर की “शाही लीची” और भागलपुर के “जर्दालू आमों ” की घर-घर डिलीवरी के लिए बिहार डाक विभाग एवं बागवानी विभाग के बीच सोमवार को एक समझौता हुआ।
उन्होंने बताया कि आरम्भ में यह सुविधा शाही लीची के लिए पटना एवं मुज़फ्फ़रपुर और जर्दालू आमों के लिए पटना एवं भागलपुर के लिए उपलब्ध रहेगी और इन जिलों में ऑनलाइन बुकिंग और घरों पर आपूर्ति से प्राप्त होने वाले अनुभव के आधार पर आगे इसका विस्तार प्रदेश के अन्य जिलों में किया जाएगा। कुमार ने बताया कि लोग शाही लीची और जर्दालू आमों का ऑनलाइन ऑर्डर बिहार बागवानी विभाग की वेबसाइट पर कर सकते हैं। लीची की न्यूनतम 2 किलोग्राम और आमों की न्यूनतम 5 किलोग्राम की बुर्किंग की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से अब तक 4,400 किलोग्राम लीची का आर्डर प्राप्त हो चुका है तथा बुधवार से इसे भेजा जाना शुरू कर दिया गया है। आगे इस माध्यम से लगभग 1,000 क्विंटल तक व्यापार किये जाने की संभावना है। कुमार ने बताया कि ऑनलाइन बुकिंग और घर पर डिलीवरी सुविधा द्वारा किसानों को एक नया बाज़ार उपलब्ध होगा, साथ ही किसानों को अच्छी आमदनी भी होगी तथा ग्राहकों को प्रसिद्ध ब्रांड के फल कम कीमत पर अपने दरवाजे पर उपलब्ध होंगे।
मुजफ्फरपुर की शाही लीची और भागलपुर के जर्दालू आम अपनी अनोखी सुगंध एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं और इनकी देश और विदेश में काफी मांग है। कुमार ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन के कारण लीची एवं आम के किसानों को अपना माल बाज़ार में पहुंचाने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए बिहार के बागवानी विभाग और डाक विभाग किसानों को फलों (शाही लीची और जर्दालू आमों) को बेचने के लिए बिना किसी बिचौलिये के सीधे बाज़ार में आपूर्ति करने के लिए आगे आये हैं।