अब फसलों के अवशेष एवं धान की पराली जलाना कानूनी अपराध
By भाषा | Published: October 8, 2018 04:59 AM2018-10-08T04:59:23+5:302018-10-08T04:59:23+5:30
एस डी एम द्वारा ऐसे किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी जाएगी। यह आदेश राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।
जींद (हरियाणा), आठ अक्टूबरः फसलों की कटाई शुरू होने के साथ जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहाती कदम उठाए जा रहे है कि लोग उसके अवशेष और पराली न जलाएं। अब फसलों के अवशेष या धान की पराली जलाना कानूनी अपराध की श्रेणी में शामिल हो गया है।
यदि कोई किसान दो एकड तक धान की पराली को पहली बार जलाते हुए पाया जाता है तो उसे ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दो से पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये तथा पांच से अधिक एकड वाले किसान पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर जेल की सजा का भी प्रावधान है।
डीसी अमित खत्री ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया कि जिला के सभी गांवों में ग्राम सचिव एवं पटवारी के साथ-साथ कृषि विभाग के एडीओ की ड्यूटी लगाई गई है। वे सर्कल कानूनगो को रिर्पोट करेगें। इसके बाद सर्कल कानूनगो सम्बधित एस डी एम को रिपोर्ट देगें।
एस डी एम द्वारा ऐसे किसानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवायी जाएगी। यह आदेश राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।