(आसिम कमाल)
शिवसागर (असम), 15 फरवरी कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सोमवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ गठबंधन करने में कुछ भी गलत नहीं है और यह पार्टी सांप्रदायिक नहीं है तथा इसे ‘अछूत’ नहीं माना जा सकता।
उन्होंने असम में ‘बदलाव की बयार’ बहने का दावा किया और उम्मीद जताई के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाला छह दलों का गठबंधन असम की कुल 126 सीटों में से 101 से अधिक पर जीत हासिल करेगा।
दरअसल, कांग्रेस ने असम विधानसभा चुनाव के लिए एआईयूडीएफ, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले) और आंचल गण मोर्चा के साथ गठबंधन किया है। प्रदेश में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव संभावित है।
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि उनकी पार्टी में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित नहीं करने की परंपरा रही है और यहां भी चुनाव में जीत के बाद ही मुख्यमंत्री के बारे में फैसला होगा।
उन्होंने एयूआईडीएफ के साथ गठबंधन करने के लिए कांग्रेस पर भाजपा की ओर से निशाना साधे जाने को लेकर पलटवार किया और कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन किया और अब असम में लोकसभा सदस्य बदरूद्दीन अजमल की पार्टी के साथ कांग्रेस के तालमेल को लेकर सवाल कर रही है।
राज्यसभा सदस्य बोरा ने कटाक्ष किया, ‘‘भाजपा के लोग उस पीडीपी के साथ गठबंधन करते हैं, जो तिरंगे को स्वीकार नहीं करती। ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन करना अपराध नहीं है, लेकिन असम में एआईयूडीएफ के साथ कांग्रेस का गठबंधन करना अपराध है।’’
उन्होंने यह भी कहा कि असम में कम से तीन जिला परिषदों में भाजपा एआईयूडीएफ के साथ सत्ता साझा कर रही है।
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने में क्या नुकसान है। वह असंवैधानिक नहीं है, वह अछूत नहीं है। आप उसे सांप्रदायिक कैसे कह सकते हैं। अगर आप अपने धर्म का सम्मान करते हैं तो आप सांप्रदायिक नहीं हैं। भाजपा सांप्रदायिक है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा सांप्रदायिकता पर ध्यान केंद्रित किए हुए है, लेकिन असम के लोगों के लिए मुख्य मुद्दा राज्य को बचाने का है क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के जरिए प्रदेश की पहचान, संस्कृति और परंपरा पर हमला किया है।’’
बोरा ने कहा कि सीएए से असम में सामाजिक तानाबाना नष्ट हो जाएगा क्योंकि इससे लोग बंटेंगे और सांप्रदायिक तनाव पैदा होगा तथा अलग-अलग जातियों, संप्रदायों और धर्मों के बीच टकराव भी होगा।
उल्लेखनीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को यहां एक सभा में कहा कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर असम करार के हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और सीएए लागू नहीं करेगी।
बोरा ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि यह असम के लोगों की प्रमुख मांग रही है, लेकिन भाजपा ने आखिरी सूची प्रकाशित होने के बाद एनआरसी को रोक दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट है कि असम के 3.11 करोड़ लोगों के नाम के साथ एनआरसी की जो अंतिम सूची आई थी, उसे स्वीकार किया जाना चाहिए।
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