प्रख्यात साहित्यकार मुजतबा हुसैन का निधन, नागरिकता कानून के विरोध में लौटाया था पद्म श्री सम्मान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 27, 2020 03:28 PM2020-05-27T15:28:07+5:302020-05-27T15:51:37+5:30
मुजतबा हुसैन की रचनाओं का अनुवाद उड़िया, कन्नड़, हिन्दी, अंग्रेजी, रशियन और जापानी भाषाओं में भी हुआ है.
Highlightsहुसैन उर्दू के अग्रणी अखबार सियासत में लगातार लिखते थे. रविवार को उनका स्तंभ आता था.उनकी कृति 'जापान चलो जापान' बेहद लोकप्रिय है.
उर्दू लेखक, हास्य और व्यंग्यकार मुजतबा हुसैन का निधन हैदराबाद में हुआ है। 84 वर्षीय हुसैन का निधन कार्डियक अरेस्ट के चलते हुआ। पिछले साल मुजतबा हुसैन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान तब चर्चा में आ गए जब उन्होंने पद्म श्री सम्मान लौटाने का ऐलान किया। उन्हें यह सम्मान 2007 में मिला था।
मुजतबा हुसैन दर्जनों किताबें लिख चुके हैं। उनकी किताबें कई राज्यों के उर्दू पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। उनकी रचनाओं का हिंदी, अंग्रेजी समेत कई अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
Noted Urdu writer Mujtaba Hussain passed away in Hyderabad today after suffering a cardiac arrest. pic.twitter.com/Zamtw8CBH9
— ANI (@ANI) May 27, 2020