नोटबंदी से नहीं लगी लगाम, 2016 में गुजरात में पकड़े गये सबसे ज्यादा 2000 के नकली नोट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 14, 2017 13:05 IST2017-12-12T18:48:35+5:302017-12-14T13:05:50+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट उसी रात से बंद करने की घोषणा की थी। एनसीआरबी ने साल 2016 में पकड़े गये जाली नोटों का आंकड़ा जारी किया है जो चौंकाने वाले हैं।

नोटबंदी से नहीं लगी लगाम, 2016 में गुजरात में पकड़े गये सबसे ज्यादा 2000 के नकली नोट
नोटबंदी की घोषणा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन पर लगाम लगाने के साथ नकली नोटों पर रोकथाम को इस फैसले की एक वजह बताया था। लेकिन एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के महज 53 दिनों के अंदर ही ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 10 नवंबर से उपलब्ध कराए गये 2000 के नोटों के जाली नोट बाजार में आ गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को रात आठ बजे से उस समय प्रचलित 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को उसी रात 12 बजे से बंद करने की घोषणा की थी। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा 30 नवंबर को जारी किए गये आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में 2000 रुपये के 2272 जाली नोट पकड़े गये थे। 2000 और 500 रुपये के नए नोट नोटबंदी के बाद जारी किए गये थे।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार आठ नवंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच पुलिस और दूसरी सरकारी एजेंसियों ने 2000 रुपये के 2272 जाली नोट जब्त किये थे। नोटबंदी के बाद के 53 दिनों में 2000 रुपये के सबसे ज्यादा नकली नोट गुजरात में मिले थे। एनसीआरबी के अनुसार 31 दिसंबर 2016 तक गुजरात में 2000 रुपये के 1300 नकली नोट पकड़े गये थे। इस मामले में दूसरे स्थान पर पंजाब रहा जहाँ 31 दिसंबर तक 2000 रुपये के 548 जाली नोट पकड़े गये थे। वहीं कर्नाटक में इस दौरान 254 जाली नोट, तेलंगाना में 114, महाराष्ट्र में 27, मध्य प्रदेश में आठ, राजस्थान में छह और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और हरियाणा में तीन-तीन जाली नोट पकड़े गये थे। जम्मू-कश्मीर और केरल में दो-दो जाली नोट पकड़े गये थे। मणिपुर और ओडिशा में एक-एक जाली नोट पकड़े गये थे।
एनसीआरबी के अनुसार 2000 रुपये के इन जाली नोटों समेत पूरे भारत में अलग-अलग राशियों दो लाख 81 हजार 839 जाली नोटों पकड़े गये। एनसीआरबी के अनुसार पिछले साल 1000 रुपये के 82,494 जाली नोट, 500 रुपये के 1,32,227 जाली नोट, 100 रुपये के 59,713 जाली नोट और 50 रुपये के 2137 जाली नोट पकड़े गये थे। एनसीआरबी का सालाना आंकड़ा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में मारे गये छापों के दौरान पुलिस और आयकर विभाग को 20 रुपये के 184 जाली नोट, 10 रुपये के 615 जाली सिक्के और पाँच रुपये के 2001 जाली नोट बरामद हुए थे। एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 तक एक रुपये के 196 जाली सिक्के बरामद हुए थे।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में पकड़े गये कुल जाली नोटों का मूल्य 10 करोड़ 12 लाख 22 हजार 821 रुपये रहा। नोटों के कुल मूल्य के अनुसार सबसे ज्यादा 56,521,460 रुपये मूल्य के जाली नोट दिल्ली में पकड़े गये थे। इस मामले में दिल्ली के बाद गुजरात रहा। पिछले साल गुजरात में 23,724,050 रुपये, पश्चिम बंगाल में 23,295,800 रुपये, आंध्र प्रदेश में 9,280,000 रुपये, कर्नाटक में 8009136 रुपये, तेलंगाना में 7,600,905 रुपये, उत्तर प्रदेश में 5,013,700 रुपये, महाराष्ट्र में 4,799,700 रुपये, पंजाब में 4,239,750 रुपये, बिहार में 3,736,800 रुपये, तमिलनाडु में 3,342,540 रुपये, केरल में 2,057,200 रुपये, मध्य प्रदेश में 1,626,890 रुपये, चंडीगढ़ में 1,499,000 रुपये, राजस्थान में 1,035,100 रुपये, असम में 800,050 रुपये, झारखंड में 706,000 रुपये और उत्तराखंड में 666,400 रुपये मूल्य के जाली नोट पकड़े गये।
पिछले साल सबसे ज्यादा 114, 751 नकली नोट दिल्ली में पकड़े गये। गुजरात में कुल 39,725 जाली नोट, पश्चिम बंगाल में 32,869 जाली नोट, आंध्र प्रदेश में 14,541 जाली नोट, कर्नाटक में 14,228 जाली नोट और तेलंगाना में 12,667 जाली नोट पकड़े गये थे। गोवा में 21 जाली नोट पकड़े गये थे जिनका मूल्य करीब 21 हजार रुपये था। एनसीआरबी के अनुसार जाली नोटों से जुड़े 1172 एफआईआर दर्ज की गईं।