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Whatsapp नहीं, अब इस खास प्लेटफॉर्म पर होगी PMO सहित संवेदनशील मंत्रालयों की सरकारी बातचीत!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 22, 2020 11:29 IST

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के निकाय एनआईसी की ओर से तैयार किए जा रहे इस प्लेटफॉर्म को हाल ही में गुजरात और ओडिशा जैसे राज्यो में भी टेस्ट किया गया है. जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे हैं.

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ठळक मुद्देPMO सहित देश के संवेदनशील मंत्रालय और विभाग व्हाट्सएप्प पर बातचीत ख़त्म करेंगे सरकार जिमस (गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस) को नया प्लेटफॉर्म देने वाली है.

प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, सेना और सीबीआई सहित देश के 17 संवेदनशील मंत्रालय और विभाग जल्द ही अपने अंदर के संदेश और बातचीत के लिए व्हाट्सएप्प के सभी ग्रुप खत्म करने वाले हैं. इसकी जगह पर सरकार उन्हें जिमस (गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस) नामक नया प्लेटफॉर्म देने वाली है. उम्मीद की जा रही है कि त्वरित मैसेज वाला यह प्लेटफॉर्म आने वाले समय में न केवल केंद्र सरकार बल्कि सभी राज्य सरकारों के लिए भी सरकारी त्वरित संवाद प्लेटफॉर्म होगा. जिससे किसी भी तरह की सूचना लीक होने या फिर उसके दुरुपयोग की आशंका खत्म हो जाएगी.

हाल ही में जब पैगासस वायरस के सहारे डाटा लीकेज की बात सामने आई थी तो उस समय सरकार ने इस तरह के नए प्लेटफॉर्म को लेकर कार्य शुरू कर दिया था. सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के निकाय एनआईसी की ओर से तैयार किए जा रहे इस प्लेटफॉर्म को हाल ही में गुजरात और ओडिशा जैसे राज्यो में भी टेस्ट किया गया है. जिसके नतीजे उत्साहजनक रहे हैं.

व्हाट्सएप्प की तरह काम करने वाले इस प्लेटफॉर्म को जिमस (जीआईएमएस) कहा जाएगा. यह पूरी तरह से सुरक्षित प्लेटफॉर्म होगा. जिस पर केवल सरकारी संदेश का ही अदान-प्रदान होगा. प्रथम चरण में इस प्लेटफॉर्म से केंद्र सरकार के 17 मंत्रालय-विभाग जुड़ रहे हैं. शुरुआत में इस पर हिंदी और अंग्रेजी में संदेश सुलभ होंगे. जबकि आने वाले समय में इस पर देश की लगभग एक दर्जन अन्य भाषाओं में भी संवाद हो पाएगा.

यह मुख्यत: विभिन्न राज्यों की राज्यीय भाषाएं होंगी. इस नए प्लेटफॉर्म का उद्देश्य रणनीतिक रूप से सरकारी संवाद को सुरक्षित बनाना है. इस समय केंद्र सरकार के 17 मंत्रालय-विभाग के लभग 6500 से अधिक अधिकारी इस प्लेटफॉर्म के परीक्षण में शामिल हैं और इनकी ओर से लगभग 20 से 25 लाख संदेश का आदान-प्रदान आपस में किया गया है. इससे पहले एनआईसी ही सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ई-मेल सेवा भी शुरू कर चुका है.

उस सुरक्षित ई-मेल प्लेटफॉर्म पर वर्ष-2014 में जहां 450000 उपयोगकर्ता थे तो वहीं 2018 में यह संख्या बढ़कर 20 लाख हो गई और इस ई-मेल प्लेटफॉर्म पर हर दिन करीब डेढ़ से दो करोड़ संदेश का आदान-प्रदान हो रहा है. एक अधिकारी ने कहा कि सरकार जिमस का परीक्षण एंड्रायड और आईओएस दोनों ही प्लेटफॉर्म पर कर रही है. 

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