सीमा पार ही नहीं, अब कश्मीर में भी बढ़ रहे हैं आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविर!

By सुरेश डुग्गर | Published: February 23, 2019 08:28 AM2019-02-23T08:28:29+5:302019-02-23T08:28:29+5:30

डोडा और घाटी में ट्रेनिंग कैम्प स्थापित करने का आतंकियों को यह ‘लाभ’ हुआ है कि वे अधिक से अधिक युवकों को बरगलाने में सफल रहे हैं क्योंकि एलओसी का भय उनके दिलो-दिमाग में अब नहीं आता।

Not Only in Pakistan and PoK, training camps of terrorism increasing in Kashmir! | सीमा पार ही नहीं, अब कश्मीर में भी बढ़ रहे हैं आतंकवाद के प्रशिक्षण शिविर!

प्रतीकात्मक चित्र

Highlightsजम्मू कश्मीर में वर्तमान में अनुमानतः 50 से अधिक ऐसे शिविर चल रहे हैं इन प्रशिक्षण शिविरों में वर्तमान में 300 से 400 के करीब युवक प्रशिक्षण पा रहे हैं। एलओसी पर होने वाली घुसपैठ की घटनाओं में आई कमी के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है।

जम्मू, 22 फरवरीः सीमा के उस पार आतंकवाद का प्रशिक्षण देने वाले पाक समर्थक शिविरों की संख्या अब कम हो सकती है क्योंकि जम्मू कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में यह लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह तथ्य आपको भी चौंका सकता है लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने यह रहस्योद्घाटन किए हैं। उनके अनुसार, जम्मू कश्मीर में वर्तमान में अनुमानतः 50 से अधिक ऐसे शिविर चल रहे हैं जहां स्थानीय युवकों को आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है।

अधिकारियों के अनुसार, ऐसे शिविरों में स्थानीय युवकों को ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये वे स्थानीय युवक हैं जिन्हें सीमा पर कड़ी चौकसी के कारण उस ओर नहीं भिजवाया जा सका। अतः उनके लिए जम्मू कश्मीर के विभिन्न भागों में ही प्रशिक्षण देने वाले शिविरों की स्थापना कर दी गई है।

अगर अधिकारियों पर विश्वास करें तो इन 50 के करीब प्रशिक्षण शिविरों में वर्तमान में 300 से 400 के करीब युवक प्रशिक्षण पा रहे हैं। उनके अनुसार, इनमें प्रतिमाह 5 से 10 युवकों की वृद्धि अवश्य हो रही है। जिन युवकों की इसमें वृद्धि होती है वे सभी स्थानीय युवक होते हैं।

अधिकारी स्वीकार करते हैं कि एलओसी पर होने वाली घुसपैठ की घटनाओं में आई कमी के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि पाकिस्तान ने अब अपने आप को आतंकी देशों की सूची में शामिल होने से बचाने तथा एलओसी पर भारतीय सेना द्वारा अपनाई गई त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से नए रंगरूटों को बचाने की खातिर कश्मीर घाटी तथा डोडा में ही कई प्रशिक्षण शिविरों को खोला है।

अधिकारियों के अनुसार कश्मीर घाटी के बराबर ही प्रशिक्षण शिविर डोडा के पहाड़ी जिले में हैं। डोडा में प्रशिक्षण शिविर खोलने के पीछे की पाक चाल यह रही है कि सारा क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है जिनमें प्रशिक्षण शिविरों के बारे में जानकारी भी नहीं मिल पाती है और रंगरूटों को छापामार युद्ध की ट्रेनिंग भी अच्छी तरह से दी जा सकती है।

फिलहाल अधिकारी इन प्रशिक्षण शिविरों की संख्यां बताने में नाकाम हैं। लेकिन गुप्तचर सूत्रों के अनुसार 20 के करीब बड़े प्रशिक्षण शिविरों का संचालन डोडा के विभिन्न क्षेत्रों में ही किया जा रहा है। हालांकि छोटे-छोटे शिविर जिनमें स्थानीय आतंकी ही नवयुवकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं उनकी संख्यां भी कम नहीं है।

बड़े प्रशिक्षण शिविरों में नए भर्ती किए गए युवकों को पाक सेना के वे नियमित अधिकारी, जो इस ओर घुसने में कामयाब हो चुके हैं, तथा विदेशी भाड़े के सैनिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन सभी को छापामार तथा जंगल युद्ध की ट्रेनिंग दी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि डोडा तथा घाटी में ही ट्रेनिंग कैम्प स्थापित करने का आतंकियों को यह ‘लाभ’ हुआ है कि वे अधिक से अधिक युवकों को बरगलाने में सफल रहे हैं क्योंकि एलओसी का भय उनके दिलो दिमाग में अब नहीं आता।

Web Title: Not Only in Pakistan and PoK, training camps of terrorism increasing in Kashmir!

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे