मोदी सरकार में आर्थिक सलाहकार रह चुके अरविंद सुब्रमण्यम बोले, गंभीर आर्थिक संकट में हैं भारत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 26, 2019 04:31 PM2019-12-26T16:31:12+5:302019-12-26T16:32:00+5:30

अरविंद सुब्रमण्यम ने दावा किया कि ग्रोथ, निवेश, निर्यात और आयात में बढ़ोत्तरी से नौकरियां पैदा होती हैं लेकिन सभी चीजें नीचे जा रही हैं। नौकरी और लोगों की आय में लगातार गिरावट आ रही है।

Not Just An Ordinary Slowdown Arvind Subramanian on indian economy gdp | मोदी सरकार में आर्थिक सलाहकार रह चुके अरविंद सुब्रमण्यम बोले, गंभीर आर्थिक संकट में हैं भारत

एएफपी फोटो

Highlightsन्यूज चैनल एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में अरविंद ने कहा कि भारत का आर्थिक संकट अब गहरा हो चुका है। अरविंद ने आगे कहा, निर्यात, कंज्यूमर गुड्स और टैक्स का आंकड़ा भी काफी निराशाजनक है।

नरेंद्र मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार रह चुके अरविंद सुब्रमण्यम ने दावा किया है कि भारत कोई सामान्य आर्थिक संकट में नहीं बल्कि बहुत ही गंभीर संकट में पहुंच चुका है। अरविंद सुब्रमण्यन ने 16 अक्टूबर, 2014 को मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संभाला था और जून 2018 में पद से इस्तीफा दे दिया था।

इससे पहले जुलाई 2019 में पूर्व सीईए  पूर्व सीईए सुब्रमण्यम ने अपने शोध पत्र में इस बात का उल्लेख किया था कि 2011-12 से 2016-17 के दौरान भारत ने अपनी वृद्धि दर को बढ़ाकर दिखाया है। उन्होंने कहा था कि जीडीपी के गणना के तरीके में बदलाव से 2011-12 से 2016-17 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर को कम से कम वार्षिक 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाया गया। 

न्यूज चैनल एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में अरविंद ने कहा कि भारत का आर्थिक संकट अब गहरा हो चुका है। उन्होंने बताया, ''गैर-पेट्रोलियम उत्पाद की आयात और निर्यात दर में क्रमशः 6% और 1% की गिरावट है। कैपिटल गुड्स सेक्टर की विकास दर में 10 प्रतिशत की गिरावट है। कंज्यूमर गुड्स प्रोडक्शन की वृद्धि दर दो साल पहले 5 फीसदी जो अब घटकर एक फीसदी है। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था किस हालत में है।''

अरविंद ने आगे कहा, निर्यात, कंज्यूमर गुड्स और टैक्स का आंकड़ा भी काफी निराशाजनक है। अगर 2000 से 2002 के भारत के आर्थिक संकट को देखें तब भी जीडीपी विकास दर 4.5 फीसदी थी लेकिन बाकी चीजें सकारात्मक थी। अभी सारे आंकड़े नकारात्मक हैं या नकारात्मक के करीब हैं। यह सामान्य नहीं बल्कि गंभीर आर्थिक संकट है। उन्होंने कहा, ग्रोथ, निवेश, निर्यात और आयात में बढ़ोत्तरी से नौकरियां पैदा होती हैं लेकिन सभी चीजें नीचे जा रही हैं। नौकरी और लोगों की आय में लगातार गिरावट आ रही है।

Web Title: Not Just An Ordinary Slowdown Arvind Subramanian on indian economy gdp

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