विशेषज्ञों ने दी चेतावनी: स्वतंत्रता दिवस पर कागज या प्लास्टिक के झंडे नहीं खरीदें
By भाषा | Published: August 14, 2018 01:10 AM2018-08-14T01:10:37+5:302018-08-14T01:10:37+5:30
विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कागज या एक बार इस्तेमाल के लायक प्लास्टिक से बने झंडे नहीं खरीदें, क्योंकि उनसे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
नई दिल्ली, 14 अगस्त: विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कागज या एक बार इस्तेमाल के लायक प्लास्टिक से बने झंडे नहीं खरीदें, क्योंकि उनसे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दो विशेषज्ञों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि झंडा विक्रेता तिरंगे को प्लास्टिक की परत से लैमिनेट कर देते हैं ताकि यह फटे नहीं और बारिश से इसका बचाव हो, लेकिन इससे झंडों के पुन: चक्रण (रीसाइकिल) में मुश्किल होती है।
उन्होंने कहा कि 72वें स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय नागरिकों को कागज या एक बार इस्तेमाल के लायक प्लास्टिक से बने झंडे खरीदने की बजाय पर्यावरण हितैषी विकल्पों को वरीयता देनी चाहिए।
वेस्ट टु एनर्जी रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल के निदेशक (भारत) अरुण सावंत ने कहा कि रीसाइक्लिंग पेपर कोरे कागज (वर्जिन पेपर) के निर्माण की तुलना में कम ऊर्जा की खपत करता है, लेकिन अन्य विकल्पों की तुलना में यह महंगा है और ऊर्जा की खपत के मामले में किफायती नहीं है। रंगीन और प्रिंट पेपर जैसे कागज के पुन:चक्रण की प्रक्रिया में काफी अलकली और ब्लीचिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और इसमें ऊर्जा की खपत होती है। ’’
इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी के पोलिमर एंड सरफेस इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष आर एन जगताप ने बताया कि करीब 93 फीसदी कागज पेड़ काटने से प्राप्त होते हैं और ए4 आकार के एक कागज के उत्पादन में औसतन पांच लीटर पानी की खपत होती है। इससे बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई और जलसंकट होता है।