किसी जांच से नहीं डरते, सीबीआई जांच का फैसला एलडीएफ के लिए उलटा पड़ेगा : चांडी

By भाषा | Published: January 25, 2021 04:57 PM2021-01-25T16:57:20+5:302021-01-25T16:57:20+5:30

Not afraid of any investigation, the decision of CBI investigation will be reversed for LDF: Chandy | किसी जांच से नहीं डरते, सीबीआई जांच का फैसला एलडीएफ के लिए उलटा पड़ेगा : चांडी

किसी जांच से नहीं डरते, सीबीआई जांच का फैसला एलडीएफ के लिए उलटा पड़ेगा : चांडी

तिरुवनंतपुरम, 25 जनवरी केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने सोमवार को कहा कि राज्य की मौजूदा वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार द्वारा उनके और चार अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला उसी के लिए उल्टा पड़ेगा। चांडी ने दावा किया कि वह किसी भी जांच से नहीं डरते।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले पिनरई विजयन की सरकार ने शनिवार को स्तब्ध करने वाला कदम उठाते हुए वर्ष 2013 के सौर घोटाले की मुख्य आरोपी महिला द्वारा चांडी, केसी वेणुगोपाल, हिबी इडेन, अदूर प्रकाश (सभी सांसद) और पूर्व मंत्री एवं मौजूदा विधायक एपी अनिल कुमार के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का फैसला किया।

इसके अलावा, भाजपा नेता एपी अब्दुल्ला कुट्टी के खिलाफ दर्ज इसी तरह के मामले की जांच भी सीबीआई को सौंपी गई, कुट्टी पहले कांग्रेस में थे।

चांडी (77 वर्षीय) ने कहा, ‘‘ मैंने गलत नहीं किया है...मैं सीबीआई जांच या किसी और जांच से नहीं डरता...किसी भी जांच में सहयोग करूंगा।’’

उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने हाल में उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठित 10 सदस्यीय चुनाव समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

उन्होंने कहा कि यह फैसला सत्तारूढ़ मोर्चे के लिए ही उल्टा पड़ेगा जो पांच साल के दौरान मामले में ‘थोड़ी भी प्रगति’ नहीं कर सकी और यह उसकी नाकामी को रेखांकित करता है।

उल्लेखनीय है कि चांडी सहित छह लोगों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने की थी और हाल में विजयन ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा यह कहते हुए की कि पुलिस जांच की अपनी सीमा है।

चांडी ने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज होने के बाद हम में से कोई अदालत भी नहीं गया। पांच साल बीत गए। उन्होंने कुछ नहीं किया। तीन पुलिस महानिदेशकों ने मामले की जांच की और उन्हें कुछ नहीं मिला। क्या हमने अदालत जाकर स्थगन लिया था, उन्हें बताना चाहिए, क्या यह वजह है जिससे मामले में कार्रवाई नहीं हुई।’’

उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार ने गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया था और उन्हें गिरफ्तार कर सकती थी।

चांडी ने कहा, ‘‘ हमारी ताकत हमारी बेगुनाही है। यह हमारी बेहतरीन प्रतिरक्षा और आत्मविश्वास है। ये आरोप पिछले आठ साल से लगाए जा रहे हैं लेकिन सरकार हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकी।

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