गंगा प्रदूषण को लेकर विभागों में असहयोग से भ्रम की स्थिति बनी: उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: November 16, 2021 19:51 IST2021-11-16T19:51:23+5:302021-11-16T19:51:23+5:30

Non-cooperation among departments regarding Ganga pollution created confusion: High Court | गंगा प्रदूषण को लेकर विभागों में असहयोग से भ्रम की स्थिति बनी: उच्च न्यायालय

गंगा प्रदूषण को लेकर विभागों में असहयोग से भ्रम की स्थिति बनी: उच्च न्यायालय

प्रयागराज, 16 नवंबर गंगा नदी के प्रदूषण के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत शुक्रवार को एक आदेश पारित करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों के मध्य असहयोग की वजह से इस अदालत के समक्ष भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने कहा, "हमने देखा है कि विभिन्न विभाग, नोडल और कार्यकारी एजेंसियों के बीच समन्वय नहीं है जिससे काफी भ्रम की स्थिति बन रही है। इन विभागों का प्रतिनिधित्व अलग अलग वकीलों द्वारा किया जा रहा है।"

अदालत ने कहा, "यदि अपर महाधिवक्ता राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें राज्य सरकार के दायरे में आने वाले सभी मामलों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। राज्य के मुख्य सचिव इस पहलू की समीक्षा करें और भ्रम दूर करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करें।"

गंगा जल की शुद्धता के संबंध में अदालत ने कहा, "आईआईटी कानपुर की ओर से रिपोर्ट अभी प्रतीक्षारत है और हमें बताया गया है कि उनकी ओर से कुछ और समय मांगा गया है जिससे वे जांच पूरी कर अपेक्षित रिपोर्ट सौंप सकें।"

अदालत ने कहा, "हम उनका अनुरोध स्वीकार करते हैं और सुनवाई की अगली तारीख तक महानिबंधक के जरिए सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपने की अनुमति देते हैं। गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आईआईटी बीएचयू की ओर से दो अन्य रिपोर्ट, आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के साथ उसी दिन खोली जाएगी। "

गंगा नदी के किनारे शवदाह के संबंध में प्रयागराज नगर निगम के दृष्टिकोण से असंतुष्ट अदालत ने कहा, "हम इस मुद्दे पर नगर निगम की सोच की सराहना नहीं करते। निःसंदेह धार्मिक आस्थाओं की वजह से कुछ ही लोग विद्युत शवदाहगृह का लाभ उठाते हैं, लेकिन हमें लगता है कि यदि उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और लोगों को जागरूक किया जाए तो अधिक से अधिक लोग इन सुविधाओं की ओर आकर्षित होंगे।"

अदालत ने अपर मुख्य सचिव (नगर विकास) को इस मामले को देखने और नगर के दो विद्युत शवदाहगृहों की ढांचागत सुविधाओं मे सुधार के संबंध में योजना पेश करने का निर्देश दिया है।

प्लास्टिक के उपयोग के प्रश्न पर प्रयागराज के मंडल आयुक्त ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 15 जुलाई, 2018 के सरकारी आदेश के मुताबिक प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए एडीएम (नगर), अपर नगर आयुक्त और पुलिस अधीक्षक (नगर) की एक समिति बनाई गई है।

अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर, 2021 को करेगी।

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Web Title: Non-cooperation among departments regarding Ganga pollution created confusion: High Court

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