लाइव न्यूज़ :

कोई भी गंभीर संपर्क पहल एकतरफा नहीं हो सकती, क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान जरूरी : जयशंकर

By भाषा | Updated: July 16, 2021 22:56 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 16 जुलाई विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को ताशकंद में एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कहा कि संपर्क निर्माण में विश्वास आवश्यक है क्योंकि यह एकतरफा नहीं हो सकता और संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अंतरराष्ट्रीय संबंधों में इसके मूलभूत सिद्धांत हैं। उन्होंने ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह को एक महत्वूपर्ण क्षेत्रीय ट्रांजिट हब करार दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि संपर्क प्रयास आर्थिक व्यवहार्यता एवं वित्तीय दायित्व पर आधारित होने चाहिए तथा इनसे कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होना चाहिए।

जयशंकर की इस टिप्पणी को परोक्ष रूप से चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) के संदर्भ में देखा जा रहा है।

भारत बीआरआई की यह कहकर आलोचना करता रहा है कि वह ऐसी किसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता संबंधी मूल चिंताओं का उल्लंघन करती हो।

उन्होंने कहा कि कोई भी गंभीर संपर्क पहल एकतरफा नहीं हो सकती तथा वास्तविक मुद्दे ‘‘मनोवृत्ति के हैं, न कि विवाद के।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे संपर्क से किसी को लाभ नहीं होने वाला जिसमें सिद्धांत की बात की जाए, लेकिन आचरण इसके विपरीत हो। उल्लेखनीय है कि बीआरआई की वैश्विक निन्दा होती रही है क्योंकि इसके चलते कई देश चीन के कर्ज तले दब गए हैं।

जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच संपर्क (कनेक्टिविटी) को विस्तारित करते समय सिर्फ भौतिक अवसंरचना को ही नहीं, बल्कि इसके सभी आयामों को देखने की आवश्यकता है।

‘सेंट्रल एंड साउथ एशिया : कनेक्टिविटी’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन दोनों क्षेत्रों के बीच संपर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से उज्बेकिस्तान की मेजबानी में हुआ है। इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और लगभग 35 देशों के नेता शामिल हुए।

जयशंकर ने कहा, ‘‘पर्यटन एवं सामाजिक संबंध एक अच्छा माहौल बनाने में मदद कर सकते हैं। लेकिन कनेक्टिविटी निर्माण में विश्वास आवश्यक है और संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अंतरराष्ट्रीय संबंधों में इसके मूलभूत सिद्धांत हैं।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि संपर्क प्रयास आर्थिक व्यवहार्यता एवं वित्तीय दायित्व पर आधारित होने चाहिए तथा इनसे कर्ज का भार उत्पन्न नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘इनसे आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलना चाहिए, न कि कर्ज का बोझ उत्पन्न होना चाहिए। इसके लिए, पारिस्थितिकीय और पर्यावरणीय मानक, साथ ही कौशल एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आवश्यक हैं। संपर्क संवादात्मक, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण होना चाहिए।’’

जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के भीतर और इससे होकर गुजरने वाली विश्वसनीय कनेक्टिविटी के लिए विश्व का इसके शासन में भरोसा होना चाहिए तथा विकास एवं समृद्धि, शांति एवं सुरक्षा के साथ आगे बढ़ने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संपर्क चर्चा, हमारे समय की पूर्वानुमेयता, क्षमता और नियमों के अनुसरण की उम्मीद करती है।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि आर्थिक वृद्धि सार्वभौमिक रूप से तीन ‘सी’-‘‘कनेक्टिविटी (संपर्क), कॉमर्स (वाणिज्य) और कांटैक्टस (संबंधों)’’ से संचालित होती है तथा क्षेत्रीय सहयोग एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इन तीनों को साथ आने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामने चुनौती यह है कि राजनीति, निहित स्वार्थ और अस्थिरता इसके क्रियान्वयन में व्यापक रूप से बाधक हो सकते हैं। हमारे अनुभव से सबक भी मिले हैं जिन्हें समझने की आवश्यकता है।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘वास्तविक मुद्दे मनोवृत्ति के हैं, न कि विवादों के। ऐसे संपर्क से कोई लाभ नहीं मिलने वाला जिसमें सिद्धांत की बात की जाए, लेकिन आचरण इसके विपरीत हो। व्यापार अधिकारों और दायित्वों का एकतरफा मत कभी काम नहीं कर सकता। कोई भी गंभीर संपर्क पहल एकतरफा नहीं हो सकती।’’

विदेश मंत्री ने ईरान में चाबहार बंदरगाह को क्रियान्वित करने के लिए 2016 से भारत द्वारा उठाए गए व्यावहारिक कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह मध्य एशियाई देशों के लिए समुद्र तक एक सुरक्षित, व्यवहार्य और निर्बाध पहुंच उपलब्ध कराता है। इसकी क्षमता अब स्पष्ट रूप से साबित हो चुकी है। हमारे पास चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) में शामिल करने का प्रस्ताव है।’’

उन्होंने चाबहार बंदरगाह के संयुक्त रूप से इस्तेमाल पर भारत-उज्बेकिस्तान-ईरान-अफगानिस्तान के बीच चतुर्भुजीय कार्यसमूह के गठन को स्वागतयोग्य कदम करार दिया।

आईएनएसटीसी 7,200 किलोमीटर लंबी परिवहन परियोजना है जिसके जरिए भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मीनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के बीच माल का परिवहन होगा।

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हम यहां अधिक संपन्न एवं आपस में जुड़े यूरेशिया के उद्देश्य से एकत्र हुए हैं। इसे आगे बढ़ाने के लिए भारत सहयोग, योजना, निवेश और निर्माण के लिए तैयार है।’’

सम्मेलन में क्षेत्र में व्यापार, निवेश और लोगों से लोगों के बीच संपर्क के बड़े उद्देश्य से कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए व्यावहारिक तरीकों पर गहन चर्चा हुई।

जयशंकर ने कहा, ‘‘कोविड बाद आर्थिक तंत्र के फिर से उभरने के परिप्रेक्ष्य में एक प्रमुख विशिष्टता के साथ कनेक्टिविटी का महत्व बढ़ा है। यह स्वयं में एक आर्थिक गुणक है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब और अधिक सुगम एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता है। यह सिर्फ उत्पादन का मामला नहीं है, बल्कि यह समान रूप से कार्यसक्षम साजो-सामान तंत्र संबंधी चुनौती भी है।’’

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी को अधिक तथा विभिन्न विकल्पों की आवश्यकता है, और यह लगभग सभी के संपर्क कार्यक्षेत्र में लागू होता है।’’

जयशंकर ने सम्मेलन से इतर यूरोपीय संघ के विदेश एवं सुरक्षा नीति मामलों के उच्च प्रतिनिधि (एचआरवीपी) जोसेफ बोरेल फोंटेलेस से मुलाकात की।

विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ईयू एचआरवीपी जोसेफ बोरेल से मिलकर खुश हूं। अफगानिस्तान के मुद्दे पर करीब से विमर्श के लिए सहमत हुए। ईयू और भारत के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा की। आठ मई के शिखर सम्मेलन के बाद हमारे सहयोग में प्रगति का उल्लेख किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र चुनावः 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में मतदान, स्थानीय निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों पर पड़े रहे वोट, जानें लाइव

भारतArunachal Pradesh Local Body Election Results 2025: 186 जिला परिषद सदस्य सीट की गिनती जारी, ग्राम पंचायत में 6,227 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

भारतDelhi Fog: दिल्ली में छाया घना कोहरा, 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यात्रियों के लिए जारी एडवाइजरी

क्रिकेटकेवल एक पारी की जरूरत, सभी जानते हैं खूंखार खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव,  तिलक वर्मा ने कहा-बस थोड़ा इंतजार करें

विश्वTaiwan: ताइपे में अज्ञात ने चाकू से हमला कर 3 लोगों की ली जान, संदिग्ध की इमारत से गिरकर मौत

भारत अधिक खबरें

भारतहाथियों के झुंड के टकराई राजधानी एक्सप्रेस, पटरी से उतरे कई डब्बे; 8 हाथियों की मौत

भारतMP News: भोपाल में आज मेट्रो का शुभारंभ, जानें क्या है रूट और कितना होगा टिकट प्राइस

भारतप्रदूषित हवा का मसला केवल दिल्ली का नहीं है...!

भारतपरमाणु ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के साथ जवाबदेही भी जरूरी

भारतलोकसभा, विधानसभा के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के बीच नेताओं की आवाजाही?, राजनीति की नई शक्ल बनता दलबदल