‘भारत बंद’ के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए, आपात सेवाओं को अनुमति : किसान नेताओं ने कहा

By भाषा | Updated: December 7, 2020 23:13 IST2020-12-07T23:13:06+5:302020-12-07T23:13:06+5:30

No one should be forced to 'Bharat Bandh', emergency services allowed: Farmer leaders said | ‘भारत बंद’ के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए, आपात सेवाओं को अनुमति : किसान नेताओं ने कहा

‘भारत बंद’ के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए, आपात सेवाओं को अनुमति : किसान नेताओं ने कहा

नयी दिल्ली, सात दिसंबर किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति होगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हाल ही में लागू खेती से जुड़े कानूनों के खिलाफ बंद के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाए।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को नये कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांगों को स्वीकार करना होगा।

राजेवाल ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को हमारी मांगों को स्वीकार करना होगा। हम नये कृषि कानूनों को वापस लेने से कम किसी चीज में नहीं मानेंगे।’’

उन्होंने कहा कि जर्मनी, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के अलावा अन्य देशों में रहने वाले पंजाबी भी अपना समर्थन जताने के लिए सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे।

आंदोलनकारी किसानों ने ऐलान किया है कि ‘भारत बंद’ के दौरान पूर्वाह्र 11 बजे से अपराह्न तीन बजे के बीच वे टोल प्लाजाओं को बंद कर देंगे।

भारतीय किसान एकता संगठन के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने किसानों से शांति बनाये रखने और बंद लागू करने के लिए किसी से नहीं झगड़ने की अपील की।

उन्होंने कहा, ''लोग स्वयं ही हमारे समर्थन में सामने आ रहे हैं। किसी पर भी बंद के लिए दबाव डालने की कोई आवश्यकता नहीं है।''

दल्लेवाला ने कहा, '' चक्का जाम अपराह्न तीन बजे समाप्त हो जाएगा लेकिन बंद पूरे दिन के लिए रहेगा।''

उन्होंने कहा, ''बंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं की अनुमति रहेगी।''

कृषि कानूनों में संशोधन की केंद्र की पेशकश का उल्लेख करते हुए एक अन्य किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार कानूनों में बदलाव करने के लिये क्यों राजी हो रही है, जबकि शुरुआत में उसने दावा किया था कि यह किसानों के लिये फायदेमंद होगा।

दर्शन पाल ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार पुराने कृषि कानूनों को फिर से बहाल करे, भले ही वह सोचती है कि वे किसानों के लिये फायदेमंद नहीं है।’’

दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसान पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान हैं। सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।

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Web Title: No one should be forced to 'Bharat Bandh', emergency services allowed: Farmer leaders said

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