चीनी सैनिकों से झड़प में क्या भारत का जवान लापाता? सेना ने बताई सच्चाई
By भाषा | Published: June 19, 2020 12:46 AM2020-06-19T00:46:06+5:302020-06-19T00:46:06+5:30
सोमवार रात (15 जून) पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने गुरुवार (18 जून) को उन मीडिया खबरों को खारिज किया जिनमें दावा किया गया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में तीन दिन पहले चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़पों के बाद उसके कई सैनिक लापता है। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया गया है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हैं।’’ इस तरह की खबरें थी कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना के कुछ सैनिकों को बंदी बना लिया है। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे।
चीन हताहतों सैनिकों की संख्या फिलहाल नहीं बताई है
चीन ने हताहतों की संख्या अभी तक जारी नहीं की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भी एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि सोमवार को हुई झड़प के बाद से कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं हुआ है। भारतीय और चीनी सेनाओं ने गलवान घाटी और इसके आसपास के क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन मेजर जनरल-स्तर की वार्ता की। पैंगोंग त्सो के किनारे दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच गत पांच मई से गलवान और पूर्वी लद्दाख के कुछ अन्य क्षेत्रों में गतिरोध बना हुआ है।
मई के शुरुआती हफ्ते से भारत-चीन सीमा विवाद गहराया है
गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित इलाकों में चीनी सैनिकों की किसी भी आक्रामक कार्रवाई से पूरी दृढ़ता के साथ निपटा जायेगा। गौरतलब है कि गत पांच और छह मई को हिंसक झड़प में लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के शामिल होने के बाद क्षेत्र में स्थिति बिगड़ गई थी। पैंगोंग त्सो में हुई घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी इसी तरह की घटना हुई थी।