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कोरोना पर प्रहार की तैयारी, सरकारी अस्पताल में नहीं मिल रहा बेड तो निजी में कराएं इलाज, सरकार देगी खर्च

By भाषा | Updated: April 25, 2021 21:05 IST

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपील की कि कार्यालयों में कर्मचारियों को पालियों में बुलाएं। एक बार में आधे से अधिक कर्मचारियों को न बुलाया जाए।

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ठळक मुद्देउत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से हालात भयावह होते जा रहे हैं।बीते 24 घंटों में कोरोना के 35614 नए केस सामने आए हैं।शनिवार को प्रदेश में 2,29,578 सैंपल की जांच की गई।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल कोविड-19 के किसी भी मरीज के इलाज से इनकार नहीं कर सकता। सूचना विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 प्रबंधन की समीक्षा करते हुए एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल किसी कोविड-19 मरीज को उपचार से इनकार नहीं कर सकता। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी गरीब आदमी का निजी अस्पताल में उपचार होने पर राज्य सरकार आयुष्मान योजना के तहत इलाज का भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में किसी मरीज की मृत्यु पर अंतिम संस्कार में किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए तथा सभी का अंतिम संस्कार अपने धार्मिक मान्यताओं एवं रीति-रिवाजों के तहत किया जाए। 

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण आवश्यक है। आगामी एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का निःशुल्क टीकाकरण किया जायेगा। इसके लिए एक करोड़ टीका खुराकों का प्रबंध किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 100 बेड से अधिक क्षमता वाले प्रत्येक अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र लगाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे सभी संयंत्रों में वातावरण से आक्सीजन बनायी जायेगी। 

इस प्रकार के 39 अस्पतालों में संयंत्र लगाने के लिए मशीनें लाने का काम शुरू हो गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 855 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 488 करोड़ रुपये की लागत से आक्सीजन प्लाण्ट लगाये जाने की प्रक्रिया भी प्रारम्भ कर दी गई है।’

इस बीच, मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की है,‘‘ कोविड-19 संक्रमण के अत्यधिक तीव्र प्रसार के मद्देनजर जब तक जरूरी ना हो तब तक घर से ना निकलें। साथ ही 10 साल से कम उम्र के बच्चे, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, एक से अधिक बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग घर से बाहर न जाएं।’’ कोरोना की लड़ाई के लिए आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं एवं आक्सीजन इत्यादि की जमाखोरी न करें। अफवाहों से बचें। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियाउत्तर प्रदेश में कोरोना
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